सीएम की 10 माह की उड़ान पर उड़े 6 करोड़

खुद प्रदेश के मुखिया ही फिजूलखर्ची मे अपने पूर्ववर्तियो से भी आगे निकल गए है। 10 माह मे सीएम कार्यालय ने आने-जाने वालो की खातिरदारी मे ही 68 लाख रुपये खर्च कर डाले है।

By Edited By: Publish:Wed, 14 Feb 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 17 Feb 2018 11:03 AM (IST)
सीएम की 10 माह की उड़ान पर उड़े 6 करोड़
सीएम की 10 माह की उड़ान पर उड़े 6 करोड़

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : त्रिवेद्र सरकार का जीरो टॉलरेस, मितव्ययिता एवं अनुशासन का दावा खुद पर सटीक बैठता दिख नही रहा है। एक तरफ सरकार विकास योजनाओ पर बजट का रोना रो रही है तो दूसरी ओर प्रदेश भर मे ठेकेदार करोड़ो के बकाया भुगतान को लेकर आंदोलित है। कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुए तमाम कार्य बजट के अभाव मे या तो ठप है या उन्हे रद किया जा रहा है।

बावजूद इसके, खुद प्रदेश के मुखिया ही फिजूलखर्ची मे अपने पूर्ववर्तियो से भी आगे निकल गए है। 10 माह मे सीएम कार्यालय ने आने-जाने वालो की खातिरदारी मे ही 68 लाख रुपये खर्च कर डाले है। वही सीएम की हवाई उड़ान का खर्च करीब छह करोड़ हो चुका है। यह खुलासा आरटीआइ के माध्यम से मांगी गई सूचना मे हुआ है। प्रदेश मे राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार को भले ही काफी हाथ-पैर मारने पड़ रहे है। डबल इंजन का तमगा ले चुकी भाजपा सरकार को केद्र के आगे भी लगातार झोली फैलानी पड़ रही है। बावजूद इसके सरकार चाय-पानी और हवाई खर्च पर जिस तरह रकम उड़ा रही है, उस पर सवाल उठने भी लाजिमी है।

सीएम कार्यालय ने दो अलग-अलग मदो मे जो खर्च किया है, वह पूर्व मुख्यमंत्रियो का भी रिकार्ड तोड़ रहा है। हल्द्वानी के सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया की ओर से आरटीआइ से जुटाई गई जानकारी के मुताबिक सीएम त्रिवेद्र रावत के कार्यभार ग्रहण करने से अब तक 10 माह मे 68.51 लाख रुपये चाय-पानी का बिल बना है। यानी हर दिन सीएम कार्यालय अतिथियो के चाय-पानी मे 22 हजार रुपये खर्च कर रहा है।

वही, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के 17 माह के कार्यकाल मे 56 लाख रुपये इस मद मे व्यय हुए थे। जबकि हरीश रावत के ढाई साल के कार्यकाल मे 67 लाख रुपये खर्च आया था।

उफान पर रही उड़ान

सीएम त्रिवेद्र रावत ने मार्च मे कार्यभार संभालने के बाद हवाई यात्राओ मे भी कोई कमी नही छोड़ी है। नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिवेद्र रावत अब तक राजकीय हेलीकॉप्टर से 47 तथा हवाई जहाज से 45 यात्राएं कर चुके है। इन सरकारी उड़ानो पर हुए खर्च का हिसाब विभाग ने नही रखा है। दूसरी ओर प्राइवेट हेलीकॉप्टर व हवाई जहाज से सीएम ने 50 यात्राएं की है। प्राधिकरण ने प्राइवेट हेली कंपनियो को अब तक 5.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि इस खर्च मे सीएम के अलावा राज्यपाल, मंत्रियो एवं विशिष्ट व्यक्तियो की यात्राओ पर हुआ व्यय भी शामिल है।

नियमित वेतन दे और ठेकेदारो का भुगतान करे सरकार : डॉ. इंदिरा

सरकार की फिजूलखर्ची पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भी तंज कसा है। उन्होने कहा कि सरकार की विलाीय स्थिति डांवाडोल है। कर्मचारियो को वेतन समय पर नही मिल पा रहा है। वही, ठेकेदार अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर प्रदेश भर मे आंदोलन कर रहे है। ऐसे मे सीएम एवं मंत्रियो का हवाई यात्रा मे ही करोड़ो का खर्च बिल्कुल उचित नही लगता।

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