चीनी व पेपर मिल के लिए संजीवनी की तरह होगी गन्‍ने की ये प्रजाति, तीन गुना अधिक होगी पैदावार

चीनी व पेपर मिल के बुरे दौर में एरियंथस प्रजाति का गन्ना मिठास घोलेगा। प्रदेश में होने वाले एथनॉल की किल्लत भी दूर करेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 06:08 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 09:39 AM (IST)
चीनी व पेपर मिल के लिए संजीवनी की तरह होगी गन्‍ने की ये प्रजाति, तीन गुना अधिक होगी पैदावार
चीनी व पेपर मिल के लिए संजीवनी की तरह होगी गन्‍ने की ये प्रजाति, तीन गुना अधिक होगी पैदावार

काशीपुर, अभय कुमार पाण्डेय : चीनी व पेपर मिल के बुरे दौर में एरियंथस प्रजाति का गन्ना मिठास घोलेगा। प्रदेश में होने वाले एथनॉल की किल्लत भी दूर करेगा। सामान्य प्रजाति से तीन गुना अधिक पैदावार से किसानों की माली हालत भी सुधारेगा। वैज्ञानिकों का प्रयास रंग लाया तो गन्ना अनुसंधान केंद्र का यह प्रयास नई क्रांति लाएगा।

काशीपुर गन्ना शोध संस्थान में चल रहा है शोध

काशीपुर गन्ना शोध संस्थान में एरियंथस प्रजाति के गन्ने पर शोध चल रहा है। समान्य प्रजाति की अपेक्षा इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर तीन गुना होगा। इससे एथनॉल भी पर्याप्त मात्रा में निकाला जा सकेगा। अभी तक सेकेरस प्रजाति के गन्ने को एथनॉल के लिए बेहतर माना जाता था। लेकिन एरियंथस उससे कहीं बेहतर है।  कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इसमें कीट लगने का खतरा बेहद कम होगा। विपरीत मौसम व जलवायु में भी इसके उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

बढ़ेगा एथनॉल उत्पादन

केंद्र सरकार ने पेट्रोल में पांच से बढ़ाकर 10 फीसद एथनॉल मिलाने की अनुमति दी है। इसके लिए केंद्रीय गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर से बड़ी संख्या में टिशू   लाकर काशीपुर में नई प्रजाति तैयार की जा रही है। पैदावार बढ़ाने के साथ ही एथनॉल के उत्पादन पर भी जोर है। एरियंथस प्रजाति बगास के लिए भी कारगर साबित होगी। 

जिले के तीनों चीनी मिलों में प्लांट लगाने की तैयारी

ऊधमसिंह नगर जिले में तीन मिलों में प्लांट लगाने की तैयारी की है। नादेही व बाजपुर चीनी मिल को पावर प्लांट स्थापित करने की स्वीकृति मिल गई है। किच्छा चीनी मिल के लिए भी 97 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 

पेपर मिल को होगा फायदा

नई प्रजाति से पेपर व राइस मिल में चलने वाले बॉयलरों को आसानी से बगास उपलब्ध होगा। इस प्रजाति से निकलने वाले बगास से पेपर व प्लाइवुड उद्योग को भी पंख लगेंगे। 

उत्तर भारत की जलवायु के अनुसार विकसित की जा रही प्रजाति

संजय कुमार, सहायक निदेशक गन्ना अनुसंधान केंद्र, काशीपुर ने बताया कि उत्तर भारत के जलवायु को ध्यान में रखकर गन्ने की विशेष प्रजाति पर काम किया जा रहा है। शोध में सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं। इस प्रजाति से किसानों को लाभ मिलेगा। चीनी मिल व पेपर उद्योग को भी संजीवनी मिलेगी।

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