मोतीनगर कुष्ठ आश्रम परिसर में बनेगा मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालए 200 बेड के अस्पताल के लिए मिली वित्तीय मंजूरी

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में पीजीआइ चंडीगढ़ लखनऊ के संजय गांधी अस्पताल जैसी सुविधाओं से लैस 200 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा। इसके लिए शहर के मोतीनगर स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में भूमि चयनित की गई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 08:40 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 08:40 AM (IST)
मोतीनगर कुष्ठ आश्रम परिसर में बनेगा मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालए 200 बेड के अस्पताल के लिए मिली वित्तीय मंजूरी
शासन ने निर्माण के लिए 72.89 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : महानगर हल्द्वानी समेत कुमाऊं के लोगों के लिए अच्छी खबर है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो उन्हें बीमारियों के इलाज के लिए बड़े प्राइवेट अस्पतालों या अन्य राज्यों के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में पीजीआइ चंडीगढ़, लखनऊ के संजय गांधी अस्पताल जैसी सुविधाओं से लैस 200 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा। इसके लिए शहर के मोतीनगर स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में भूमि चयनित की गई है। शासन ने भी निर्माण के लिए 72.89 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल डा. तरुण टम्टा ने बताया कि एनएचएम ने हल्द्वानी में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस अस्पताल के लिए मोतीनगर स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में भूमि चयनित की गई है।

स्पेशलिस्ट डाक्टरों की होगी तैनाती

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्तावित मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की तैनाती होगी। साथ ही अस्पताल में आधुनिक मशीनें भी लगेंगी।

जनवरी में भेजा था प्रस्ताव

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने हल्द्वानी में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव इसी साल जनवरी में शासन को भेजा था। जिसमें अस्पताल के निर्माण में 73.39 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। इधर, शासन ने वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए पहले चरण के तहत दस करोड़ रुपये डीजी हेल्थ को जारी कर दिए हैं।

डिजाइन वैट कराना अनिवार्य

शासन की ओर से डीजी हेल्थ को जारी पत्र में कहा गया है कि कार्यदायी संस्था द्वारा कार्य शुरू करने से पहले प्रोजेक्ट का डिजाइन और ड्रॉइंग को आइआइटी या भारत सरकार से अनुमोदित संस्था से वैट कराना अनिवार्य होगा।

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