दुग्ध संघ उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर काम करने के बजाय दूसरे राज्यों से खरीद रहा दूध nainital news

नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ से जुड़े उत्पादकों के साथ डेयरी विभाग सौतेला व्यवहार कर रहा है। रोजाना 90 हजार लीटर दूध का उत्पादन होने के बाद भी दुग्ध संघ की डिमांड पूरी नहीं हो रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 09:31 AM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 09:31 AM (IST)
दुग्ध संघ उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर काम करने के बजाय दूसरे राज्यों से खरीद रहा दूध nainital news
दुग्ध संघ उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर काम करने के बजाय दूसरे राज्यों से खरीद रहा दूध nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के साथ डेयरी विभाग सौतेला व्यवहार कर रहा है। जिले में रोजाना 90 हजार लीटर दूध का उत्पादन होने के बाद भी दुग्ध संघ की डिमांड पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे में दुग्ध संघ जिले में दूध उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर काम करने के बजाय दूसरे राज्यों से दूध खरीद रहा है। इसका सीधा असर जिले के पशुपालकों पर पड़ रहा है। उन्हें दूध का उचित दाम भी नहीं मिलता। यदि दूध की डिमांड जिले से ही पूरी करने की कोशिश होती तो स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार की संभावनाएं भी बढ़ जाती।

पशुपालकों की भी सुन लीजिए

चंदन सिंह लटवाल, पशुपालक, लामाचौड़  ने बताया कि रोजाना दो से तीन लीटर दूध सहकारी समिति को बेचता हूं, लेकिन अपेक्षित रेट नहीं मिलता है। पदमपुर निवासी हेमा सनवाल का कहना है कि पशु के चारे पर ही एक हजार रुपये से अधिक खर्च हो जाता है। दूध के कम दाम मिलने से गुजारा करना मुश्किल हो गया है। हरिपुर के प्रकाश तिवारी ने बताया कि क्रय केंद्र पर दूध फैट की जांच के लिए मशीन लगाई गई है। वहीं, गाय के दूध फैट की मात्रा कम होती है, लेकिन फिर भी फैट जांच लिया जाता है।  लामाचौड़ निवासी गिरेश सनवाल ने कहा कि जिले के पशुपालकों से दूध खरीदने की बजाय दूसरे राज्यों से इसकी खरीद की जा रही है। शासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।

जिले में 551 समितियां संचालित

नैनीताल जिले में दुग्ध संघ की 551 समितियां संचालित हो रही हैं। जहां दुग्ध उत्पादकों से रोजाना 90 हजार लीटर दूध की खरीद होती है, लेकिन संघ को लगभग 1.20 लाख लीटर की आवश्यकता है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 28 हजार पशुपालक हैं।

ये है दूध का इस्तेमाल

दुग्ध उत्पादकों से खरीदे गए दूध से पनीर, छांछ, दही, पनीर, मक्खन व घी बनाया जाता है। इसमें दही पर 20 हजार लीटर व पनीर के लिए दो हजार लीटर दूध इस्तेमाल किया जाता है।

दूध की गुणवत्‍ता परखने को लगाई गई है फैट मशीन

संजय भाकुनी, प्रदेश महामंत्री, नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ का कहना है कि क्रय केंद्रों पर दूध की गुणवत्ता परखने के लिए फैट मशीन लगाई गई है। जिसमें दुग्ध उत्पादकों के द्वारा खरीदे गए दूध में फैट की जांच के बाद मानक के अनुसार उचित दाम पर दूध खरीदा जाता हैं। दुग्ध संघ का वर्तमान रेट 34 रुपये लीटर है।

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