स्टेडियम में कई कैंप बजट के अभाव में होग गए बंद, खिलाडि़यों में निराशा

सरकारी उपेक्षा इस कदर छाई है कि इसका खिलाडिय़ों की प्रतिभा पर पडऩे लगा है। आलम यह है कि सरकारी भत्ता भी मुफीद नहीं हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 05:21 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 05:21 PM (IST)
स्टेडियम में कई कैंप बजट के अभाव में होग गए बंद, खिलाडि़यों में निराशा
स्टेडियम में कई कैंप बजट के अभाव में होग गए बंद, खिलाडि़यों में निराशा

हल्द्वानी, जेएनएन : सरकारी उपेक्षा इस कदर छाई है कि इसका खिलाडिय़ों की प्रतिभा पर पडऩे लगा है। आलम यह है कि सरकारी भत्ता भी मुफीद नहीं हो रहा है। खास बात यह है कि अब स्टेडियम में खेल के कुछ कैंप भी बजट के अभाव में बंद हो चुके हैं। ऐसे में खिलाडिय़ों की उड़ान पर बेडिय़ां हैं और सपने धुआं-धुआं हो चुके हैं।

हल्द्वानी स्पोर्टस स्टेडियम का हाल भी अजब-गजब है। यहां खिलाडिय़ों की प्रतिभा उपेक्षित है। सरकार की उपेक्षा के चलते आज भी खिलाडिय़ों के भत्ते में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले भत्तों में रहने को 100 रुपये प्रति खिलाड़ी, भोजन को 150 रुपये और आने जाने को 100 रुपये तक मिल जाता है। मगर बढ़ती महंगाई में खिलाडिय़ों को इन भत्तों से ही गुजर करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि इधर, सरकार की उपेक्षा के चलते बजट भी लंबे समय से नहीं मिल सका। जिस वजह से कई कैंप बंद भी किए जा चुके हैं। अब ऐसे में खिलाडिय़ों के सपने धुआं-धुआं हैं।

इन खेलों के बंद हो गए कैंप

खेल            बालक      बालिका   

तैराकी         31         10

बाक्सिंग       42         11       

बास्केटवाल  28          15

कबडडी        22          -

खो-खो         21          06

बजट के अभाव में कुछ खेलों को किया गया है बंद

अख्तर अली, जिला क्रीड़ाधिकारी  ने बताया कि बजट न होने के कारण कुछ खेलों को बंद कर दिया गया है। सरकार जब बजट देगी तब खेलों पर काम किया जाएगा। स्टेडियम भी निर्माणाधीन है। बजट आने पर स्टेडियम को भी व्यवस्थित किया जाएगा।

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