फर्जी डिग्रियों के जल्द सत्यापन के लिए लिए दबाव में कुमाऊं विश्वविद्यालय

कुमाऊं विश्वविद्यालय को कनाडा की व‌र्ल्ड एजुकेशन सर्विस ने डिग्रियों के जल्द सत्यापन के लिए रिमांइडर भेजा है।

By Edited By: Publish:Sun, 30 Dec 2018 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 30 Dec 2018 11:36 AM (IST)
फर्जी डिग्रियों के जल्द सत्यापन के लिए लिए दबाव में कुमाऊं विश्वविद्यालय
फर्जी डिग्रियों के जल्द सत्यापन के लिए लिए दबाव में कुमाऊं विश्वविद्यालय

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विश्वविद्यालय को कनाडा की व‌र्ल्ड एजुकेशन सर्विस ने डिग्रियों के जल्द सत्यापन के लिए रिमाइंडर भेजा है। इससे विश्वविद्यालय में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि सत्यापन एजेंसी पर संबंधित छात्रों के दबाव के बाद एजेंसी ने विवि को यह रिमाइंडर भेजा है। अब विवि परीक्षा विभाग ने व‌र्ल्ड एजुकेशन सर्विस को ई-मेल भेजकर संबंधित छात्रों का ब्यौरा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। कुमाऊं विवि का परीक्षा विभाग अंकतालिका में गड़बड़ी को लेकर अक्सर छात्रों के निशाने पर रहता है, मगर इस बार सत्यापन को आई फर्जी डिग्रियों ने विवि की प्रतिष्ठा पर दाग लगा दिया है। अब तक ऐसी 50 से अधिक डिग्रियां मिल चुकी हैं। विवि प्रशासन का कहना है कि यह डिग्रियां प्रथमदृष्टया ही फर्जी हैं। क्योंकि सत्यापन के लिए ऐसी डिग्रियां मिली हैं, जो कोर्स विवि के किसी परिसर या संबद्ध कॉलेज में संचालित ही नहीं होते। ऐसे में अब तक की जाच से तो यह साफ हो चुका है कि कुमाऊं विवि की फर्जी डिग्री तैयार करने का यह गिरोह अर्से से सक्रिय है और विवि की फर्जी डिग्री बनाकर विदेश में उन्हें नौकरी दिलाने का खेल चल रहा है। कुलसचिव डॉ. महेश कुमार का कहना है कि कुलपति ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पत्रावली एकत्र होते ही तहरीर दे दी जाएगी। इनकी डिग्रियों के सत्यापन को आया है रिमाइंडर अनुज मित्तल की बीए, सौरभ गुप्ता की एमबीए आइटी, बीएससी कंप्यूटर साइंस, हरप्रीत कौर की एमबीए फाइनेंस एंड मार्केटिंग, आसमीन बजाज की एमबीए फाइनेंस, गुरुविंदर सिंह की बीटेक मैकेनिकल, डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग, मनप्रीत कौर की बीएड, रीता अमित प्रेमजी की एमबीए फाइनेंस, अवतार सिंह की बीए, परीक्षा सेंटर कोटाबाग, अमनिंदर सिंह की एमबीए प्रोडक्शन मैनेजमेंट, साहिब इकबाल सिंह की बीसीए व एमसीए। अगर तब कार्रवाई हुई होती तो विवि पर नहीं लगता दाग फर्जी डिग्रियों के मामले में कानूनी कार्रवाई को लेकर विवि परीक्षा विभाग इस बार बेहद आक्रामक है।

सालों पहले जब विवि में फर्जी अंकतालिकाएं मिली थीं तो एक संविदा कर्मी को बर्खास्त कर मामला रफा-दफा कर खेल के असली खिलाडि़यों को बचा लिया गया था। ताजा मामले के उजागर होने के बाद विवि कर्मी दबी जुबां से यह कहते सुने जा रहे हैं कि उस वक्त ही अगर कार्रवाई कर दी गई होती तो आज यह दिन न आता। वर्जन फर्जी डिग्रियों के सत्यापन के लिए व‌र्ल्ड एजुकेशन सर्विस से रिमाइंडर मिला है। कनाडा उच्चायोग की आउटसोर्सिग सर्विस व‌र्ल्ड एजुकेशन सर्विस ने ये डिग्रियां सत्यापन के लिए भेजी हैं। एजेंसी को ई-मेल भेजकर छात्रों के नाम-पते से संबंधित ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा गया है। यदि सोमवार तक ब्यौरा नहीं मिला तो मंगलवार को पुलिस को तहरीर सौंप दी जाएगी।परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत का कहना है कि इस मामले में हर हाल में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल जल्द जांच के लिए जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।

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