Kumaon University कुमाऊं विवि का अजीब कारनामा, फर्स्ट डिवीजन लाने वाले छात्र को कर दिया फेल
कुमाऊं विश्वविद्यालय की लापरवाही छात्रों के भविष्य के लिए घातक बन रही है। परीक्षाफल में लगातार गड़बडिय़ां सामने आ रहीं हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊं विश्वविद्यालय की लापरवाही छात्रों के भविष्य के लिए घातक बन रही है। परीक्षाफल में लगातार गड़बडिय़ां सामने आ रहीं हैं। इस बार विवि ने लापरवाही में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए बीएससी में जिन छात्र-छात्राओं की फर्स्ट डिवीजन आनी थी, उन्हें अंतिम सेमेस्टर में फेल कर दिया। करीब 300 से अधिक छात्र-छात्राएं अगस्त से लगातार परीक्षाफल में सुधार की गुहार लगा रहे हैं, मगर सुनने वाला कोई नहीं है।
एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी छठे सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं रविवार को एमबीपीजी में एकत्र हुए। बताया कि छात्र-छात्राओं के सभी सेमेस्टरों में कुल मिलाकर 60 फीसद से अधिक अंक हैं। जिन्हें फस्र्ट डिवीजन पास होना चाहिए था, मगर विवि की ओर से अगस्त में जारी छठे सेमेस्टर के रसायन विज्ञान के इनॉर्गेनिक केमेस्ट्री प्रश्न पत्र में फेल कर दिया गया। कई छात्र-छात्राओं के 65 से 69 फीसद अंक होने के बावजूद भी वे फेल कर दिए गए। बताया कि 20 व 22 अगस्त को विवि के परीक्षा नियंत्रक को जल्द सुधार परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर ज्ञापन भेजे गए, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने तीन सितंबर को डीएम सविन बंसल को भी ज्ञापन दिया।
आरटीई में सामने आई गड़बड़ी
विद्यार्थियों ने बताया कि बड़ी संख्या में जब छात्र-छात्राएं फेल कर दिए गए तो उन्होंने आरटीआइ लगाई। जिसमें जांची गई उत्तर पुस्तिकाओं में खामियां सामने आई। इसके बाद उन्हें रिजल्ट में गड़बड़ी का अहसास हुआ।
केस - 1
अपराजित भट्ट ने बीएससी छठे सेमेस्टर की परीक्षा दी और दिल्ली के एक पीजी कॉलेज से लॉ में एडमिशन लिया। जिसकी फीस एक लाख पांच हजार रुपये जमा की। संशोधित रिजल्ट जारी न होने के कारण उनके एडमिशन पर तलवार लटक गई है।
केस - 2
रोहित भट्ट ने बताया कि वे पीजी डिप्लोमा इन मास कम्यूनिकेशन में प्रवेश लेना चाह रहे थे। मगर, अब तक संशोधित रिजल्ट न आने के कारण उनका प्रवेश नहीं हो पा रहा है। जबकि कई बार विवि को लिखित और मौखिक तौर पर जानकारी दी जा चुकी है।
केस - 3
मोईन खान ने बताया कि उन्हें पूरा भरोसा था कि वे बीएससी अच्छे अंकों के साथ पास कर लेंगे। मगर, छठे सेमेस्टर में विवि ने उन्हें फेल कर दिया। इस कारण वे पंतनगर विवि से लाइफ साइंस में एमएससी करने से चूक गए।
कुलपति ने भेजा संदेश, सॉरी मैं नहीं कर सकता बात
इस संबंध में बात करने के लिए कुलपति प्रो. केएस राणा को दो बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। संदेश भेज दिया, सॉरी, मैं बात नहीं कर सकता। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय पंत से दूरभाष पर संपर्क किया गया। कई बार फोन करने के बावजूद उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया।
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