अपमान से आहत महिला चिकित्सक ने कहा-कार्रवाई न हुई तो कर लूंगी आत्महत्या, राज्य महिला आयोग को लिखा पत्र

डा. ने बताया कि वह काशीपुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करती हैं। काशीपुर के एक अस्पताल में उनकी फोटो लगाकर होली की शुभकामनाएं दी गई थीं। देहरादून से नोटिस आने के बाद इस प्रकरण की जानकारी हुई। उसे मेडिकल काउंसिल देहरादून में बुलाया गया। जहां दो चिकित्सकों ने उसे अपमानित किया

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 11:32 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 11:32 PM (IST)
अपमान से आहत महिला चिकित्सक ने कहा-कार्रवाई न हुई तो कर लूंगी आत्महत्या, राज्य महिला आयोग को लिखा पत्र
राज्य महिला आयोग को पत्र भेजकर कार्रवाई न होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, काशीपुर : महिला चिकित्सक ने मेडिकल काउंसिल देहरादून के दो चिकित्सकों पर अपमानित करने का आरोप लगाया है। साथ ही राज्य महिला आयोग को पत्र भेजकर कार्रवाई न होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शिल्पा मुरकुटे ने 15 मई को राज्य महिला आयोग को भेजे पत्र में कहा कि वह काशीपुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करती हैं। काशीपुर के एक अस्पताल में उनकी फोटो लगाकर होली की शुभकामनाएं दी गई थीं। अस्पताल और शुभकामना संदेश की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।

उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल देहरादून से नोटिस आने के बाद इस प्रकरण की जानकारी हुई। उसे मेडिकल काउंसिल देहरादून में बुलाया गया। जहां दो चिकित्सकों ने उसे अपमानित किया और मेडिकल काउंसिल का रजिस्ट्रेशन रद करने की धमकी देते हुए 150 मेडिकल सेमिनार कराने की सजा दी। कहा कि एक सेमिनार कराने का खर्च 25 हजार रुपये आता है।

आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उससे अभद्र तरीके से बात की। गुरुवार को जब उन्होंने एक चिकित्सक से फोन पर वार्ता की तो जेल भिजवाने की धमकी दी गई। पत्र में कहा है कि दोनों चिकित्सकों से उसे जान का खतरा है। वह काशीपुर में अकेली रहती हैं। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की भी मरीज है। आहत होकर यदि वह आत्महत्या जैसा कोई कदम उठाती है तो इसके जिम्मेदार दोनों चिकित्सक होंगे। 

मेडिकल काउंसिल के एक्जीक्यूटिव मेंबर डा. अरविंद शर्मा ने बताया कि मेडिकल काउंसिल के तहत चिकित्सकों को नियमों के तहत काम करना होता है। सर्जन डा. शिल्पा मुरकुटे का मामला संज्ञान में है। इसमें काउंसिल के तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उनकी अवहेलना हुई थी। जिसे लेकर इन्हें पेश होना था। वैधानिक प्रक्रिया के तहत उन्हें दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है। 

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