पिनालू के गाब का टपटिका, मडुवे की रोटी से इम्यूनिटी बूस्ट कर रही दिल्ली, कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान

देश की राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध कनॉट पैलेस तक पहाड़ के परंपरागत डिश वाली थाली की मांग है। पहाड़ी व्यंजनों को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर देखा जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 12:46 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 12:46 PM (IST)
पिनालू के गाब का टपटिका, मडुवे की रोटी से इम्यूनिटी बूस्ट कर रही दिल्ली, कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान
पिनालू के गाब का टपटिका, मडुवे की रोटी से इम्यूनिटी बूस्ट कर रही दिल्ली, कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान

नैनीताल, जेएनएन: कोरोना काल में पहाड़ के परंपरागत खानपान को लेकर महानगरों के ग्राहक भी आकर्षित हुए हैं। देश की राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध कनॉट पैलेस तक पहाड़ के परंपरागत डिश वाली थाली की मांग है। पहाड़ी व्यंजनों को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर देखा जा रहा है। कनाट पैलेस में उत्तराखंडी भोजन की थाली पांच सौ रुपये में बिक रही है। 

पहाड़ के परंपरागत खेती में शुमार मडुवा, झिंगुरा, गहत, रायता, भट्ट, राजमा, चैलाई समेत अनेक अनाज व दाल इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। पहाड़ में रहने वाले पुराने वाले मोटे अनाक की अहमियत को समझते हैं। चिकित्सा विज्ञान ने भी पहाड़ के व्यंजनों को सुपाच्य और संतुलित आहार बताया है। कोरोना काल में राज्य के शहरों के साथ ही देश की राजधानी व अन्य शहरों में पहाड़ के परंपरागत डिश की डिमांड बढ़ी है। देश की राजधानी के प्रसिद्ध कनॉट पैलेस के साथ ही अन्य हिस्सों के रेस्तरां में पहाड़ की डिश वाली थाली पांच सौ रुपये में उपलब्ध है।

 

मडुए की रोटी, पिनालू के गाबों का टपकिया 

अल्मोड़ा निवासी व दिल्ली में नेशनल मीडिया चैनल में कार्यरत प्रियंका कांडपाल के अनुसार कोरोना काल में दिल्ली के तमाम स्थानों पर पहाड़ के डिशेज की डिमांड बढ़ी है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बनी थाली में मडुवे की रोटी, पहाड़ी रायता, हरी सब्जी आदि शामिल है। इसे वैदिक थाली नाम दिया है। दावा है कि इसमें इम्यूनिटी बूस्ट करने वाला खाना है। थाली में पहाड़ी रायता, तड़के में जखिया, मंडुए की रोटी, अरबी के पत्तों के रोल भी हैं। अरबी को कुमाऊं में पिनालू और उकसे पत्तों को गाबा बोला जाता है। इसका बनने वाले टपकिया (सब्जी) बड़ी स्वादिष्ट होती है। मतलब पहाड़ का सादा खाना दिल्ली वालों की इम्यूनिटी बूस्ट कर रहा है 

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