'पानी' की कमाई, शासन ने 'उड़ाई'

हल्द्वानी : पानी से ही वेतन पाने वाला जल संस्थान अब परेशान है। इसकी कमाई शासन ने उड़ाई है। ऐसे में जल

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 01:47 AM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 01:47 AM (IST)
'पानी' की कमाई, शासन ने 'उड़ाई'

हल्द्वानी : पानी से ही वेतन पाने वाला जल संस्थान अब परेशान है। इसकी कमाई शासन ने उड़ाई है। ऐसे में जल संस्थान के कर्मचारी वेतन के लिए निगाहें लगाए हुए हैं। इससे कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो गए हैं। इसके बावजूद शासन चुप बैठा है। जबकि इसके लिए कई बार अवगत भी कराया जा चुका है।

दरअसल, शासन ने जल संस्थान की कमाई पर आम जन का ख्याल रखना शुरू कर दिया। स्टैंड पोस्ट पर पानी भरने के लिए आने वाले लोगों को पैसा देना पड़ता था, इसे माफ कर दिया गया। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में भवनों के 360 रुपये वार्षिक कर वाले मकान सेबिल नहीं लिया जा रहा है और 360 से 2000 रुपये वार्षिक कर देने वाले मकान मालिकों से 50 प्रतिशत ही बिल वसूला जाता है। ऐसे में जल संस्थान की कमाई कम हो गई है। इसकी वजह से प्रदेश में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पर्याप्त बजट नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं, मेंटीनेंस से संबंधित कार्य भी ठप हो गए हैं। लीकेज ठीक नहीं हो पा रहे हैं। कई जगह पाइप लाइनों में मरम्मत की जानी है। नलकूपों को ठीक करना है। बजट के अभाव में जल संस्थान कार्य नहीं कर पा रहा है।

मिला सिर्फ एक करोड़

जल संस्थान के प्रदेश में करीब 50 हजार से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। प्रदेश में 115 करोड़ रुपये का राजस्व आ जाता था। इस वर्ष बिल माफ करने से राजस्व में 35 करोड़ रुपये कम हो गए हैं। इसमें से शासन ने केवल एक करोड़ 37 लाख रुपये ही रिलीज किए हैं।

हां, बिल माफ करने से बजट कम हुआ है। इससे वेतन आदि कार्य में दिक्कत हो रही है, लेकिन इसके लिए शासन को लिखा गया है। पूरा बजट जल्द मिलने की उम्मीद है। इससे सभी कार्य रूटीन में आ जायेंगे।

- डीडी डिमरी, मुख्य महाप्रबंधक, जल संस्थान

chat bot
आपका साथी