बागेश्वर में हत्या मामले में पति को आजीवन कारावास, दस हजार जुर्माना भी लगाया

अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत ने हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। उसे दस हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 02:43 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 02:43 PM (IST)
बागेश्वर में हत्या मामले में पति को आजीवन कारावास, दस हजार जुर्माना भी लगाया
बागेश्वर में हत्या मामले में पति को आजीवन कारावास, दस हजार जुर्माना भी लगाया

बागेश्वर, जेएनएन : अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत ने हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। उसे दस हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त कारवास भोगना होगा। जबकि मामले में दूसरे आरोपित सास को साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने पर दोषमुक्त करने का आदेश पारित किया है।

अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने महौली, सनेती, जिला बागेश्वर निवासी प्रदीप सिंह राठौर पुत्र नंदन सिंह पर धारा 302 में दोषसिद्ध किया और आजीवन कारावास की सजा पारित की। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) चंचल पपोला ने अभियोजन की तरफ से पैरवी की। उन्होंने बताया कि दो नवंबर 2019 को किरौली निवासी उमेश सिंह गढ़िया ने रीमा पुलिस चौकी में तहरीर दी। उसमें कहा कि उनकी बेटी तनुजा का विवाह तीन साल पूर्व प्रदीप राठौर के साथ संपन्न हुआ था। उसका दहेज के लिए उत्पीड़न हो रहा था। प्रदीप ने षडयंत्र के तहत उनकी बेटी की जलमानी गधेरे के फेड़ीनाग ताल में ले जाकर नदी में फेंककर हत्या कर दी।

घटना की विवेचना सीओ महेश जोशी ने की और धारा 498, 303बी, 302 और 314 दहेज एक्ट में मामाल दर्ज किया। अदालत में 12 गवाह परीक्षित कराए गए। घटना से संबंधित सभी तथ्यों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने गवाहों के बयानों और पत्रावली पर उलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रदीप राठौर को धारा 302 में दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। उसे दस हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा। मामले में दूसरी आरोपित बसंती देवी के विरुद्ध कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने पर उसे दोषमुक्त किया गया।

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