बिल्डर की जमीन पर कब्जा करने व ऑफिस ध्वस्त करने वालों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इंकार

बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हल्द्वानी निवासी रोहिताश विनय अग्रवाल व भूपेश अग्रवाल ने याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने व उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 07:52 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 07:52 AM (IST)
बिल्डर की जमीन पर कब्जा करने व ऑफिस ध्वस्त करने वालों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इंकार
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हल्द्वानी निवासी रोहिताश, विनय अग्रवाल व भूपेश अग्रवाल ने याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने व उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

याचिका में कहा ‌था कि 20 सितंबर 2020 को पाम ग्रीन काशीपुर निवासी प्रिया शर्मा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि प्रार्थिनी द्वारा पाम ग्रीन कालोनी को टेक ओवर कर उसको विकसित कर बेचा जा रहा है। अवतार सिंह उर्फ तारू व विरेंद्र सिंह इस भूमि को अपनी बताकर आए दिन गाली गलौज कर कब्जा करने की कोशिश करते आ रहे हैं।

एफआईआर में यह भी कहा कि 19 सितंबर की रात 12 बजे उसके पाम ग्रीन कार्यालय में अपने साथियों और अपने साथ लेबर तथा दो जेसीबी मशीन लेकर आए और उसके ऑफिस में रखा समान व रुपए चोरी कर ले गए। साथ ही जेसीबी मशीन से पूरा आॅफिस ध्वस्त कर दिया। आॅफिस को ध्वस्त करने में अवतार सिंह, विनय अग्रवाल, भू‌पेश अग्रवाल, रोताश अग्रवाल, विरेंद्र सिंह, विजय गावा शामिल थे। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

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