पूर्व सीएम रावत ने कहा, केदारनाथ त्रासदी की पुनरावृत्ति है सीमांत क्षेत्रों में आ रही आपदा

मुन्स्यारी और धारचूला सीमांत क्षेत्रों की प्राकृतिक आपदा को पूर्व सीएम हरीश रावत ने केदारनाथ आपदा की पुनरावृत्ति करार दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 01:20 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 04:44 PM (IST)
पूर्व सीएम रावत ने कहा, केदारनाथ त्रासदी की पुनरावृत्ति है सीमांत क्षेत्रों में आ रही आपदा
पूर्व सीएम रावत ने कहा, केदारनाथ त्रासदी की पुनरावृत्ति है सीमांत क्षेत्रों में आ रही आपदा

नैनीताल, जेएनएन : मुन्स्यारी और धारचूला सीमांत क्षेत्रों की प्राकृतिक आपदा को पूर्व सीएम हरीश रावत ने केदारनाथ आपदा की पुनरावृत्ति करार दिया है। गुरुवार को मल्लीताल स्थित नैनीताल क्लब में पत्रकार वार्ता कर उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रो के भर्मण के दौरान उन्होंने इस प्रकार की आपदा पहले नहीं देखी। मुन्स्यारी और धारचूला क्षेत्र में पहाड़ियों की तलहटी नहीं बल्कि चोटियों से भूस्खलन हुआ है। जो कि भूगर्भिक हलचल के प्रमाण प्रस्तुत कर रही है।

हरदा ने कहा कि यदि समय रहते इसके कारणों की जांच नहीं की गई तो परिणाम केदारनाथ आपदा से भी भयानक हो सकते है। ऐसे में सरकार को लोगों के पुनर्स्थापन के साथ ही आपदा के कारणों की जांच करना भी जरूरी है। जिसके लिए राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर विस्तृत अध्ययन किया जाए। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार त्रिस्तरीय पंचायती सिस्टम को खत्म करने पर तुली है। विधानसभा और पंचायती संस्थाओं के बीच सामंजस्य खत्म हो रहा है। पंचायतों का कार्य महज मनरेगा तक सिमट कर रह गया है। जिला योजनाओं का भी बुरा हाल है।

भाजपा सरकार ने जिला प्लान का बजट सभी जगह आधा कर दिया है। जिससे तमाम विकासकार्य थम गए है। प्राधिकरण को भ्रष्टाचार का माध्यम करार देते हुए कहा कि विकास के उद्देश्य को लेकर इसकी स्थापना की गई थी, लेकिन प्राधिकरण नकारात्मकता के सिद्धांत पर कार्य कर रहा है। साधन संपन्न लोगों के भवनों की मंजिले बढ़ती जा रही है, जबकि गरीबो को खिड़की लगाना तक मुश्किल हो गया है। यह तो महज माल कमाने का जरिया बन गया है। इसको लेकर सरकार को जवाब देना चाहिए। विधानसभा में इसको लेकर विस्तृत चर्चा और अहम निर्णय लेने की जरूरत है।

इस दौरान अम्तुलस स्कूल और मनुमहारानी के कर्मचारियों ने उनसे मुलाकात की। जिस पर उन्होंने संस्थानों द्वारा कर्मचारियों को निकालने की निंदा करते हुए इस पर जिलाधिकारी से कार्रवाई करने की अपील की। इस दौरान पूर्व विधायक सरिता आर्या, पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, रमेश पांडे, मारुति साह, नारायण पाल, कैलाश अधिकारी, धीरज बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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