Haldwani News: इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में उतरा राजकीय शिक्षक संघ

इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक सेवा नियमावली 2006 में संशोधन किया गया है। इसके तहत 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय सीधी भर्ती व 50 प्रतिशत को पदोन्नति से भरा जाएगा। इस फैसले के बाद राजकीय शिक्षकों में उबाल है।

By ganesh pandeyEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 11:15 AM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 11:15 AM (IST)
Haldwani News: इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में उतरा राजकीय शिक्षक संघ
शिक्षकों की राय के बिना नियमावली में बदलाव को नियम विरूद्ध बताया

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक सेवा नियमावली 2006 में संशोधन किया गया है। इसके तहत 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय सीधी भर्ती व 50 प्रतिशत को पदोन्नति से भरा जाएगा। इस फैसले के बाद राजकीय शिक्षकों में उबाल है। इंटरनेट मीडिया पर शिक्षकों की खुलकर प्रतिक्रिया आ रही हैं।

राजकीय शिक्षकों ने सीधी भर्ती को पदोन्नति की राह देख रहे शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात बताया है। कहा है कि इससे आम शिक्षक साजिश का शिकार होंगे। चहेतों व अपनों को सेट करने के लिए शिक्षकों की राय के बिना सीधी भर्ती का फैसला लेने का आरोप लगाया है। पूर्व में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के नाम पर उप प्रधानाचार्य पदों की सीधी भर्ती हुई थी।

चयनित लोगों को स्कूलों में भेजने के बजाय उप शिक्षाधिकारी बना दिया गया। पांच से छह साल की सेवा के बाद ही ऐसे लोगों को खंड शिक्षाधिकारी बना दिया गया। नियमावली के मामले में संगठन की सहमति बिना फैसला लेने का पुरजोर विरोध करने की बात कही है।

संयुक्त मंत्री राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं मंडल रविशंकर गुसाई का कहना है कि शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बनाने की कोशिश बंद हो। सीधी भर्ती का फैसला आनन-फानन में लिया गया है। शिक्षकों को बांटने के फैसले का विरोध किया जाएगा।

राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं मंडल के मंत्री डा. कैलाश डोलिया ने कहा कि राजकीय शिक्षक संगठन सीधी भर्ती का विरोध करता है। जल्द ही प्रांतीय व दोनों मंडलीय कार्यकारी के बीच मंथन कर भावी रणनीति तय होगी। हमारे पर सभी विकल्प खुले हैं।

पूर्व मंडलीय अध्यक्ष डा. कन्नू जोशी ने बताया कि प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षक साथी एकजुटता के साथ इसका विरोध करेंगे।

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