उत्तराखंड जल संस्थान के महाप्रबंधक से मोबाइल टावर के नाम पर लाखों की ठगी

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर उत्तराखंड जल संस्थान के महाप्रबंधक को तीन लाख 93 हजार 845 रुपये का चूना लगा दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:48 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 09:48 AM (IST)
उत्तराखंड जल संस्थान के महाप्रबंधक से मोबाइल टावर के नाम पर लाखों की ठगी
उत्तराखंड जल संस्थान के महाप्रबंधक से मोबाइल टावर के नाम पर लाखों की ठगी

ऊधमसिंह नगर, जेएनएन :  मोबाइल टावर लगाने के नाम पर उत्तराखंड जल संस्थान के महाप्रबंधक को तीन लाख 93 हजार 845 रुपये का चूना लगा दिया। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उत्तराखंड जल संस्थान नैनीताल के महाप्रबंधक डीके मिश्रा निवासी पंजाबी मोहल्ला किच्छा ने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में इस बाबत शिकायत की थी।

विज्ञापन देखकर जाल में फंसे

बताया था कि दैनिक समाचार पत्र में तीन नवंबर को इंडस टावर्स बंगलुरू द्वारा प्रकाशित विज्ञापन देखने के बाद दिए गए टोल फ्री नंबर पर उन्होंने बात की थी। इस दौरान अपने अग्रसेन कॉलोनी रुद्रपुर इस मकान पर टावर लगाने के संबंध में जानकारी ली। कंपनी के लीगल एडवाइजर शिवम कुमार के कहने पर उन्होंने तीन हजार 8 सौ 40 रुपये आवेदन के लिए जमा कर दिए। उसके पश्चात कंपनी के प्रतिनिधि कमल सिंह द्वारा सूचित करने पर उन्होंने 25 हजार की धनराशि लीज के रूप में जमा कर दी। तीन नवंबर को 62 हजार, 14 नवंबर को एक लाख 45 हजार रुपये, 16 नवंबर को एक लाख 20 हजार रुपये फिर जमा कराए।

अंत में पता लगा ठगे गए

इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा भुगतान की जाने वाली 40 लाख की प्रथम किस्त का पांच प्रतिशत दो लाख रुपये का और भुगतान करने के लिए कहा तो उनका माथा ठनका। इससे इन्कार कर अब तक जमा रकम वापस करने की मांग की तो साफ मना कर दिया गया। पुलिस ने डीके मिश्रा की तहरीर पर कमल ङ्क्षसह, आलोक पांडे, अरुण शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

किसी भी विज्ञापन के झांसे में न आएं

पुलिस के अनुसार अक्‍सर अखबार या अन्‍य माध्‍यम से जालसाज मोबाइल टावर, हीरो का चेहरा पहचानिए, लकी कूपन या अन्‍य तरह के लालच देकर लाखों कमाने या कार इनाम में देने की बात करते हैं। इस लालच में कई बार लोग फंस जाते हैं और बड़ी रकम या कार पाने के चक्‍कर में अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। इसलिए ऐसे लुभावने विज्ञापनों से सावधान रहने की जरूरत है।

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