Forest Fire Uttarakhand: धधक रहे जंगल, घुट रहा दम; नैनीताल में आग बेकाबू- तस्‍वीरों में देखें

Forest Fire Uttarakhand इन दिनों उत्‍तराखंड के जंगल धधक रहे हैं। लाखों की संपदा खाक हो रही है। उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने भी वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वहीं आमजन से भी सहयोग मांगा गया है। नैनीताल के आसपास की पहाडि़यों में जंगल खाक हो रहे हैं। बेकाबू आग को रोकने के लिए सेना से भी सहयोग मांगा गया है।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Publish:Sat, 27 Apr 2024 08:29 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2024 08:29 AM (IST)
Forest Fire Uttarakhand: धधक रहे जंगल, घुट रहा दम; नैनीताल में आग बेकाबू- तस्‍वीरों में देखें
Forest Fire Uttarakhand: पहाड़ियां धधकने से धुआं ही धुआं

HighLights

  • दमकल व वन कर्मचारियों के पसीने छूटे, शहर में चारों ओर पहाड़ियों में धुआं ही धुआं

जागरण संवाददाता, नैनीताल: Forest Fire Uttarakhand: शहर के आसपास सहित पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में चौतरफा आग लगी है। पहाड़ियां धधकने से शहर में धुआं ही धुआं है। एयरफोर्स स्टेशन लड़ियाकांटा की पहाड़ी के साथ ही सातताल, गेठिया सेनिटोरियम के आसपास, पटवाडांगर, ज्योलीकोट सहित छह स्थानों पर जंगलों का बड़ा क्षेत्र जल रहा है।

शहर के टिफिनटाप सहित नयना पीक के अलावा स्नोव्यू, कैमल्स बैक आदि पहाड़ियां में धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। शहर के निचले इलाकों में तक जंगल की आग की वजह से धुंध छाई हुई है। ऐसे में नैनीताल में प्रदूषण चार गुना बढ़ गया है। वन विभाग के साथ ही दमकल विभाग के प्रयास के बाद भी जंगल की आग बेकाबू है। वन विभाग का आलम यह है कि इस बार जंगल की आग प्रबंधन की मानिटरिंग में वरिष्ठ आइएफएस अफसरों को नोडल अफसर तक नहीं बनाया गया।

दरअसल, पिछले सालों तक मुख्यालय में अपर पीसीसीएफ सहित पीसीसीएफ स्तर के अधिकारियों को जिलों का नोडल अफसर बनाकर जंगल की आग नियंत्रण में मुख्यालय व जिलों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए भेजा गया। एक सप्ताह तक अफसर जिलों में जमे रहे और इससे वन विभाग के सिस्टम को रिचार्ज करने में मदद मिली, लेकिन इस बार अब तक नोडल अफसरों की तैनाती नहीं की गई।

इस मामले में पीसीसीएफ हेड हाफ डिपार्टमेंट अनूप मलिक का कहना है कि इस बार सूखे की स्थिति अत्यधिक है, इसलिए आग की घटनाएं अधिक हो रही हैं। उन्होंने नोडल अफसरों की तैनाती से साफ इन्कार करते हुए कहा कि मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक व डीएफओ लगातार फील्ड पर जंगल की आग नियंत्रण में जुटे हैं। साथ ही वन विभाग की मशीनरी को एक्टिव बनाने के साथ ही प्रशासन व पुलिस के साथ समन्वय बनाकर जंगल की आग प्रबंधन में लगे हैं।

चार गुना बढ़ा नैनीताल में प्रदूषण

जंगलों की आग की चपेट में शहर का वातावरण बुरी तरह प्रभावित हो गया है। सरोवर नगरी के इर्द-गिर्द इन दिनों वातावरण चार गुना प्रदूषित हो चुका है। आमतौर पर नैनीताल में प्रदूषण की दर 20 से 25 पी एम 2.5 (पाल्यूटेड मैटर) रहता है, जो इन दिनों 100 पार कर गया है। जिस कारण यहां का स्वच्छ वातावरण धुंधला हो चला है। यह स्थिति आग की वजह से बनी रहेगी। शहर के आसपास की पहाड़ियों में धधक रही आग बुझाने में फायर सर्विस तथा वन कर्मचारियों की टीम के पसीने छूट गए हैं।

आवासीय भवन व विद्यालय के पास पहुंचीं आग लपटें

गरमपानी : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे से सटे पाडली गांव में शुक्रवार शाम जंगल से आग लग गई। लपटें स्थानीय अशोक कुमार के आवासीय मकान तक पहुंचने से अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों व भवन स्वामी ने किसी तरह आग पर काबू पाया। वहीं, रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर भी खुशालकोट क्षेत्र से सटा जंगल भी धधक रहा है। जीआइसी धनियाकोट के परिसर तक भी आग पहुंचने से हड़कंप मच गया। देर रात तक जंगल जलता रहा।

24 घंटे में जल गया आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में वनाग्नि का प्रकोप कम नहीं हो पा रहा है। पिछले 24 घंटे में जिले में आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। वन विभाग ने छह घटनाएं दर्ज की है, जबकि जिले में दर्जनभर स्थान में जंगल जल रहे हैं।पिछले 24 घंटे के दौरान वन विभाग में दर्ज छह घटनाओं में आरक्षित और पंचायती वन क्षेत्र का आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

जिले में अब तक आरक्षित वन क्षेत्र का 38.25 हेक्टेयर और पंचायती वनों का 76 हेक्टेयर क्षेत्र आग की चपेट में आ चुका है। वन विभाग ने 29 लाख रुपये का नुकसान होने का दावा किया है। जिले में अभी भी गुरना, थल गोरीछाल, गंगोलीहाट, घाट सहित कई क्षेत्रों में जंगलों में आग लगी हुई है। तापमान अधिक होने से आग नियंत्रण में नहीं आ पा रही है। जिले के आरक्षित वनों में आग लगने की 27 घटनाएं हो चुकी है। जबकि पंचायती वनों में 49 पंचायत घटनाएं दर्ज की गई है। जंगलों की आग से जिले भर में धुंध छाई हुई है।

जंगल की आग मकानों तक पहुंची

एक दो दिन शांत रही जंगलों की आग एक बार फिर धधकने लगी है। विकास खंड कनालीछीना के सतगढ़ ग्राम पंचायत के कंचनपुर तोक में चौड़ी पत्ती वाले जंगल में लगी आग मकानों तक पहुंच गई। गांव के युवाओं ने आग बुझाई। कंचनपुर के जंगल में लगी आग तेजी से फैलते हुए मकानों तक पहुंची। तोक में रहने वाले दिगंबर कापड़ी, गणेश कापड़ी, चंद्रशेखर कापड़ी, लक्ष्मी दत्त कापड़ी की सूखी घास को गांव के युवाओं ने तेजी से दूसरे स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान आग कंचनपुर में बागवानी को नुकसान हुआ है।

दीपक कापड़ी के सेब के पेड़ आग की चपेट में आ चुके हैं। गांव के युवा नीरज कापड़ी, गोपेश कापड़ी, हिमांशु, रोहित, संजय कापड़ी, अंकित कापड़ी, कमल कापड़ी, दीपक कापड़ी ने घंटों की मशक्कत के बाद आग बुझाई। ग्रामीणों ने वन विभाग पर रोष जताते हुए कहा कि विभाग जंगलों में आग लगाने वालों का पता लगाकर उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।

नहीं थम रही बागेश्वर के जंगलों की आग

बागेश्वर जिले के जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। बागेश्वर से लेकर धमरघर क्षेत्र के जंगल जल रहे हैं। वातावरण धुएं से भर गया है। वन विभाग तथा फायर सर्विस की टीम आग बुझाने में जुटी है। जंगलों को आग लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। शुक्रवार को पौड़ी बैंड के निकट जंगल में आग लग गई। आवासीय घरों की तरफ आग फैलने का भय बनने लगा। जिससे पौड़ीधार, रैखोली आदि गांवों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर फायर सर्विस की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है।

सात रतबे, दाड़िमठोक के जंगल में भी धुएं के गुबार उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जंगल जलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जबकि बीते दिन वन संरक्षक (उत्तरी कुमाऊं वृत्त) ने जंगलों का निरीक्षण किया था। उन्होंने जंगलों को आग लगाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी ने भी ठोस कार्रवाई करने को कहा है। लेकिन वन विभाग तथा वाचर आग लगाने वालों को चिह्नित तक नहीं कर सके हैं। इधर, आरओ श्याम सिंह करायत ने कहा कि टीम आग को नियंत्रित कर रही है।

उधर, धरमघर क्षेत्र के पचार, जाखनी, महोली, पपोली, विजयपुर के जंगलों में आग लगी है। वन्य जीव गांवों का रुख करने लगे हैं। धुआं वातावरण में फैल गया है। आंख की एलर्जी से लोग परेशान हैं। अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। धरमघर रेंजर प्रदीप कांडपाल ने कहा कि आग पर काबू पाया जा रहा है।

कलक्ट्रेट पहुंची जंगल की आग

देर शाम जंगल की आग कलक्ट्रेट परिसर में निर्वाचन कार्यालय के पास बने सभागार तक पहुंच गई। कलक्ट्रेट, जिला आबकारी विभाग कार्यालय के कर्मचारी अवकाश पर घर चले गए थे। आग मेहनरबूंगा की तरफ भी बढ़ने लगी। जिससे वहां हड़कंप मच गया। हालांकि फायर, आपदा तथा वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई की। जिससे बड़ी घटना टल गई है।

इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि आग को नियंत्रित करने के लिए टीम भेज दी गई है।देर सायं गरुड़ तहसील के भेटा पेट्रोल पंप तथा जवाहर नवोदय विद्यालय सिमार परिसर तक भी शुक्रवार को जंगल की आग पहुंच गई। जिससे वहां भी अफरातफरी रही। फायर तथा वन कर्मियों ने आग को नियंत्रित कर दिया है। जिससे बड़ी घटना टल गई है।

वनाग्नि से चारों ओर धुआं, आंखों में जलन

सल्ट में पहाड़ों में वनाग्नि थमने का नाम नहीं ले रही है। अब तक कई हेक्टेयर वन क्षेत्र खाक हो चुका है। जंगलों की आग से चारों ओर धुएं का गुबार फैला हुआ है। जिस कारण लोगों को आंखों में जलन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने जंगलों में आगजनी करने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सल्ट के मानिला क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाएं रोजाना बढ़ती जा रही हैं।

शुक्रवार को जंगल की आग मानिला जैनल स्टेट हाईवे तक पहुंच गई। आग इतनी विकराल थी कि दोनों ओर वाहनों की आवाजाही थम गई और धुएं के उठते गुबार ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। हालात इस तरह हो गए कि धुएं की चपेट में आने से सड़क दिखाई ही नहीं दे रही थी।

इधर धुएं के कारण पर्यावरण भी दूषित होने लगा है। धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं आंखों में जलन भी हो रही है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से वनाग्नि रोकथाम को ठोस नीति बनाने के साथ ही जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

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