तेंदुए का शिकार बनी पीड़िता के परिजनों को वन विभाग तीन लाख मुआवजा व नौकरी देगा

बुधवार को देर शाम को तेंदुए का शिकार बनी सात वर्षीय बालिका हिमानी की मौत के लिए ग्रामीणों ने व्यवस्था को जिम्मेदार मानते हुए शव उठाने से इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 05:38 PM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 06:40 PM (IST)
तेंदुए का शिकार बनी पीड़िता के परिजनों को वन विभाग तीन लाख मुआवजा व नौकरी देगा
भटीगांव में सात वर्षीय हिमानी को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था।

पिथौरागढ़, जेएनएन : बुधवार को देर शाम को तेंदुए का शिकार बनी सात वर्षीय बालिका हिमानी की मौत के लिए ग्रामीणों ने व्यवस्था को जिम्मेदार मानते हुए शव उठाने से इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची विधायक का भी ग्रामीणों ने घेराव कर दिया। वन विभाग की ओर से मृतक बालिका के परिजनों को तीन लाख का मुआवजा देने एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी दिए लिजाने के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीण शव उठाने को तैयार हुए। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गुलदार को आमदखोर घोषित कर दिया है।

बीती रात्रि भटीगांव में सात वर्षीय हिमानी को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था। बाद में बालिका का अधखाया शव घर से 100 मीटर दूर बरामद हुआ। बालिका की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरू वार की सुबह प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई दिनों से क्षेत्र में गुलदार दिखाई दे रहा था, इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई थी, लेकिन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वन विभाग की उदासीनता की कीमत नन्हीं बालिका को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। ग्रामीणों के आक्रोश की जानकारी मिलने पर विधायक मीना गंगोला मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने उनका घेराव कर दिया। पीड़ित परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी दिए जाने की मांग ग्रामीणों ने विधायक के सामने रखी। विधायक ने इसका भरोसा दिलाया, लेकिन ग्रामीण लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे।

वन विभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी के लिखित आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए। ग्रामीणों ने पीडि़त परिवार की आर्थिक दुर्दशा भी विधायक के सामने रखी। परिवार टिन की झोपड़ी में दिन बिता रहा है। इस पर विधायक ने नगर पंचायत के ईओ प्रवीण सक्सेना को मौके पर तलब किया और परिवार के लिए अविलंब शहरी आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत करने के निर्देश दिए। वन विभाग ने पीडि़त परिवार को फौरी सहायता के रूप में 50 हजार की धनराशि दी। प्रदर्शन करने वालों में सभासद देवकी देवी, पूरन राम, ललित राम, मोहन राम, मोहित कुमार, पंकज कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल थे। वन विभाग ने क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया है। शीघ्र ही गुलदार को मार गिराने के लिए शिकारी तैनात कर दिए जायेंगे। फिलहाल वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में पिंजरा लगा दिया है और टीम गश्त कर रही है।

स्ट्रीट लाइट लगी होती तो शायद बच जाती बालिका

भट्टी गांव वार्ड में जिस स्थल से गुलदार बालिका को उठा ले गया वह अंधेरा था। नगर क्षेत्र होने के बावजूद वहां स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। गुलदार के बालिका को उठा ले जाने के बाद ग्रामीण सही दिशा का पता नहीं लगा सके और बालिका की खोजबीन में इधर उधर भटकते रहे। गुलदार घटनास्थल से 100 मीटर की दूरी पर एक पेड़ पर बालिका को लेकर चढ़ गया और बालिका का अपना निवाला बनाता रहा। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने सर्च लाइट का उपयोग किया तो गुलदार पेड़ से छलांग लगाकर भाग खड़ा हुआ और बालिका का शव जमीन पर गिर पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगी होती तो गुलदार बालिका पर हमला नही करता और हमला करता भी तो ग्रामीण तत्काल पीछा कर बालिका को छुड़ा लेते।

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