घनी आबादी में बन रहा बारूद, एक धमाका छीन सकता है परिवारों की खुशियां

दीपावली की तैयारियों के साथ ही कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी को बारूद के ढेर पर बैठा दिया गया है। महानगर में घनी आबादी के बीच करोड़ों रुपये की आतिशबाजी से गोदाम बन चुके हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Oct 2018 10:23 AM (IST) Updated:Fri, 19 Oct 2018 10:24 AM (IST)
घनी आबादी में बन रहा बारूद, एक धमाका छीन सकता है परिवारों की खुशियां
घनी आबादी में बन रहा बारूद, एक धमाका छीन सकता है परिवारों की खुशियां

संदीप मेवाड़ी, हल्द्वानी : दीपावली पर्व की तैयारियों के साथ ही कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी को बारूद के ढेर पर बैठा दिया गया है। महानगर में घनी आबादी के बीच करोड़ों रुपये की आतिशबाजी से गोदाम बन चुके हैं। सारे नियम-कानून को ताक में रखकर इन गोदामों के लिए प्रशासन के साथ ही पुलिस व दमकल महकमे ने भी अनुमति दे दी है। ऐसे में यदि हादसा हुआ तो पूरा शहर दहल सकता है।
कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर को छोड़ दें तो अन्य पांच जिलों के लिए हल्द्वानी से ही कारोबारी आतिशबाजी थोक में खरीदकर ले जाते हैं। यहां हर साल करोड़ों रुपये की आतिशबाजी का कारोबार होता है। थोक में बेचने के लिए आतिशबाजी के गोदाम के 18 कारोबारियों के पास स्थायी लाइसेंस हैं। इन लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण किया जाता है। नवीनीकरण से पहले कारोबारियों को प्रशासन, पुलिस व दमकल से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। जिलाधिकारी कार्यालय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के साथ ही लाइसेंस का नवीनीकरण करता है।
हैरानी की बात ये है कि 18 में से मात्र तीन गोदाम ही शहर के बाहर हैं। शेष 15 गोदाम मुख्य शहर के भीतर बनाए गए हैं, जिनमें करोड़ों रुपये की आतिशबाजी भरी जा चुकी है। इस गोदामों को खोलने के लिए प्रशासन ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के साथ ही लाइसेंस नवीनीकरण भी कर दिया है।

हादसा हुआ तो दमकल टीम को पहुंचने में छूटेंगे पसीने
शहर में आतिशबाजी के कई गोदाम तंग गलियों व भीड़भाड़ वाले इलाकों में है। ऐसे में यदि हादसा हुआ तो हालात बेकाबू होने के आसार पैदा हो जाएंगे। दिन के समय हादसा हुआ तो उस पर काबू पाना तो दूर अग्निमशन महकमे की टीम के मौके पर पहुंचने में भी पसीने छूटेंगे।

आतिशबाजी गोदाम के लिए मानक
- थोक आतिशबाजी की दुकानों के बीच दूरी न्यूनतम 15 मीटर हो।
- दुकानों के सामने सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 12 मीटर हो।
- गोदाम भीड़भाड़ व रिहायशी इलाकों से दूर हों।
- गोदाम में जेड टाइप का वेंटीलेशन सिस्टम बनाया जाए।
- विद्युत उपकरण नहीं होने चाहिए और विद्युत अर्थिंग के लिए त्वरित चालक (लाइटिंग कंडक्टर) का प्रावधान किया जाए।
- मेन स्विच बोर्ड गोदाम के बाहर हो और एमसीबी की फिटिंग अनिवार्य हो।
- मेन दरवाजा स्टील रॉड डबल लॉक होना चाहिए।
- गोदाम में सीढ़ी का प्रावधान नहीं हो।
- गोदाम का अधिकतम एरिया 25 वर्ग मीटर हो।
- गोदाम में प्राथमिक अग्निशमन उपकरण, फायर बकेट व रेत का प्रावधान जरूरी हो।
- धुम्रपान निषेध के साथ ही पानी का भी उचित प्रबंध हो।

इन स्थानों पर खोले गए हैं आतिशबाजी के गोदाम
मंगलपड़ाव, किला बाजार, सदर बाजार, कारखाना बाजार, कालाढूंगी चौराहा, मुगली गार्डन, पैठ पड़ाव, देवलचौड़ बंदोबस्ती, बेलबाबा, रामपुर रोड व कुसुमखेड़ा। 

आतिशबाजी गोदामों की कराई जाएगी जांच
विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी, नैनीताल ने बताया कि पुराने स्थायी लाइसेंसधारकों को ही आतिशबाजी के थोक गोदाम खोलने की अनुमति दी गई है। गोदाम मानकों का उल्लंघन कर बनाने की जानकारी नहीं है। सभी आतिशबाजी गोदामों की जांच कराई जाएगी। मानकों का उल्लंघन कर खोले गए गोदामों पर कार्रवाई होगी।

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