अद्भुत रहा साल के अंतिम सुपरमून का नजारा

बुधवार को इस वर्ष का यह अंतिम सुपरमून था। जैसे-जैसे चांद उभरता गया, उसकी आभा निखरती गई। सुपरमून का नजारा अद्भुत था। अब ऐसा नजारा 25 नवंबर 2034 में देखने को मिलेगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 15 Dec 2016 10:40 AM (IST) Updated:Fri, 16 Dec 2016 03:00 AM (IST)
अद्भुत रहा साल के अंतिम सुपरमून का नजारा
अद्भुत रहा साल के अंतिम सुपरमून का नजारा

नैनीताल, [जेएनएन]: पर्वतों के शिखर से उदय होता वर्ष का अंतिम सुपरमून यादगार बन गया। आसमान मनमोहक चांदनी में चमक उठा। इस सुंदर नजारे के कई लोग गवाह बने। अब इस तरह का सुपरमून वर्ष 2034 में नजर आएगा।

चांद की खुबसूरती के कसीदे आम हैं, लेकिन सुपरमून जैसे नजारे मुद्दत बाद ही देखने को मिलते हैं। इस वर्ष तीन सुपरमून नजर आए। बुधवार को इस वर्ष का यह अंतिम सुपरमून था। खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वाला हर कोई इस अदभुत घटना का गवाह बनना चाहता था। सांझ ढलते ही चांद पूर्व दिशा में पर्वतों के शिखर से उदय होता नजर आया। लाल रंग की लालिमा लिए चंद्रमा का यह नजारा दिल को स्पर्श करने वाला था।

पढ़ें:-दुर्लभ खगोलीय घटना: आखिरकार सूर्य के आगोश में समा गया धूमकेतु
जैसे-जैसे चांद उभरता गया, उसकी आभा निखरती गई। साथ ही स्याह अंधेरी रात चांदनी से रोशन हो गई। अन्य दिनों की अपेक्षा काफी विशाल नजर आ रहा था। धरती के काफी नजदीक आने के कारण उसका आकार बड़ा नजर आना स्वभाविक था। पृथ्वी व चंद्रमा की औषत दूरी 3.86 लाख किमी होती है।

पढ़ें:-सौरमंडल के रहस्‍यों से उठेगा पर्दा, जब होगा बेन्‍नू ग्रह का डीएनए टेस्‍ट
दूर जाने पर यह दूरी लगभग 4.25 किमी हो जाती है और बेहद नजदीक आने पर करीब 3.56 किमी आने जाने पर भी सुपरमून की स्थिति बनती है। अब इस तरह के सुपरमून वर्ष का आकर्षक नजारा 25 नवंबर 2034 में देखने को मिलेगा। हालाकि इस बीच सुपरमून कई होंगे, लेकिन चंद्रमा धरती के इतने करीब नहीं होगा।

 

chat bot
आपका साथी