उत्तराखंड कांग्रेस में फिर गुटबाजी सामने आई, इस बार हरक सिंह को लेकर गर्माया मामला

पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा हल्द्वानी में आयोजित ककड़ी पार्टी नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश द्वारा आयोजित लालटेन पदयात्रा और फिर दून में आयोजित कांग्रेस की प्रदेश स्तरीय बैठक। पिछले एक साल में यह तीन कार्यक्रम ऐसे होंगे जहां बामुश्किल कांग्रेस के दिग्गज एकजुट हुए

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 10:58 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 10:58 AM (IST)
उत्तराखंड कांग्रेस में फिर गुटबाजी सामने आई, इस बार हरक सिंह को लेकर गर्माया मामला
सुर और राग एक जैसा नहीं रख पा रहे कांग्रेसी, पहले सभी बागी और अब हरक को लेकर अलग सुर

हल्द्वानी, जेएनएन : पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा हल्द्वानी में आयोजित ककड़ी पार्टी, नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश द्वारा आयोजित लालटेन पदयात्रा और फिर दून में आयोजित कांग्रेस की प्रदेश स्तरीय बैठक। पिछले एक साल में यह तीन कार्यक्रम ऐसे होंगे, जहां बामुश्किल कांग्रेस के दिग्गज एकजुट हुए और सरकार के खिलाफ लडऩे का आहृान भी किया। मगर अब दोबारा से सुर और राग बदल लिए। ऐसा पहले सभी बागियों की वजह से हुआ और अब एक बागी हरक सिंह रावत के चलते। कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को देखते हुए प्रदेश प्रभारी बदला गया था। मगर नए प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने भी इन क्षत्रपों का एक लाइन में खड़ा करने की चुनौती बरकरार है।

हाल में वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वो 2022 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। जिस पर नेता प्र्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने बयान दिया कि हरक को हम लड़ाएंगे वह अच्छे और अनुभवी व्यक्ति हैं। इसके तुरंत बाद पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने इशारों-इशारों में फेसबुक पोस्ट के जरिये नाराजगी जता दी। साथ ही फिर से अपना बयान दोहराया कि बागियों के माफी मांगने के बाद ही कुछ विचार होने की संभावना है। इससे पूर्व भी हरीश रावत ने ऐसा बयान दिया था तो नेता प्रतिपक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बागियों की वापसी का फैसला हाईकमान लेगा। वहीं, हरदा के बयान पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने भी सहमति दी है। विधानसभा चुनाव को अब सिर्फ डेढ़ साल का समय बाकी है। अगर अब भी कांग्रेसी एकजुट नहीं हुए तो चुनावी डगर मुश्किल रहेगी।

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