विशेषज्ञ टीम के सर्वे तक सीमित है ट्रीटमेंट

शहर की लोअर माल रोड तथा बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र में विशेषज्ञ टीम का सर्वे पूरा हो चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST)
विशेषज्ञ टीम के सर्वे तक सीमित है ट्रीटमेंट
विशेषज्ञ टीम के सर्वे तक सीमित है ट्रीटमेंट

नैनीताल : शहर की लोअर माल रोड तथा बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र में विशेषज्ञ टीम का सर्वे पूरा हो चुका है। अब तक माल रोड तथा बलियानाला क्षेत्र में विशेषज्ञ टीम कई बार सर्वे कर चुकी है, लेकिन टीम की सिफारिश के बाद भी माल रोड ट्रीटमेंट के लिए बजट जारी नहीं हो सका है। बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र में लगातार कटाव हो रहा है। बलियानाला क्षेत्र में जापान के साथ ही आइआइटी रूड़की, जीएसआइ के साथ ही वन विभाग, सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ सर्वे कर चुके हैं। बुधवार को मंडलायुक्त राजीव रौतेला के समक्ष विशेषज्ञों द्वारा माल रोड के ट्रीटमेंट के लिए प्रजेंटेशन दिया गया। कमिश्नर ने बताया कि माल रोड समेत झील के चारों ओर का भौगोलिक सर्वे कर लिया जाए, ताकि स्थाई उपचार के लिए डीपीआर तैयार की जा सके। गुरुवार को जीएसआइ के डॉ. मृदुल श्रीवास्तव व सहयोगी ने लोनिवि के सहायक अभियंता एमपीएस कालाकोटी के साथ लोअर माल रोड का सर्वे किया। बलियानाला में भूस्खलन का हो स्थायी समाधान

राज्य ब्यूरो, देहरादून : मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए विशेषज्ञों की राय के अनुसार स्थायी समाधान के निर्देश दिए हैं।

गुरुवार को सचिवालय में इस सिलसिले में आयोजित बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि क्षेत्र के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए नौ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था, जिसमें राज्य आपदा प्रबंधन के अलावा जापान के विशेषज्ञ, जियोग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया, रिमोट सेंसिंग, जियोलॉजिस्ट, लोक निर्माण और सिंचाई विभाग के इंजीनियर शामिल थे। समिति ने टोपोग्राफिकल सर्वे कराने, सुरक्षा संरचना बनाने और सतह पर जल निकासी का सुझाव दिया है। बैठक में विशेषज्ञों के सुझाव पर उनसे चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि वाडिया इंस्टीट्यूूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता समेत विशेषज्ञ अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देंगे। बैठक में जायका के जापानी विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर उपचार कार्य करने पर भी विचार किया गया। तय किया गया कि दोनों विकल्पों पर मंथन के बाद जल्द उपचार कार्य शुरू किया जाए।

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