नैनीताल में तिब्बती बाजार व चार्ट पार्क पर फिर अतिक्रमण, हाईकोर्ट का आदेश बेअसर

कोविड काल में सरकारी तंत्र की दरियादिली नैनीताल में बदनुमा दाग बनने लगी है। बाजारों से लेकर सड़कों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इससे बाजारों में चलना दूभर हो गया है तो सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 12:31 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 12:31 PM (IST)
नैनीताल में तिब्बती बाजार व चार्ट पार्क पर फिर अतिक्रमण, हाईकोर्ट का आदेश बेअसर
नैनीताल में तिब्बती बाजार व चार्ट पार्क पर फिर अतिक्रमण, हाईकोर्ट का आदेश बेअसर

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोविड काल में सरकारी तंत्र की दरियादिली नैनीताल में बदनुमा दाग बनने लगी है। बाजारों से लेकर सड़कों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इससे बाजारों में चलना दूभर हो गया है तो सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। हाईकोर्ट ने 2016 में नैनीताल में अतिक्रमण को लेकर प्रो. अजय रावत, अंजली भार्गव, महेश पंत की अलग अलग जनहित याचिकाओं पर सुनाई करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया। आदेश के अनुपालन में माल रोड, मल्लीताल बाजार, तल्लीताल, चार्ट पार्क, तिब्बती व भोटिया बाजार से अतिक्रमण हटाया गया था। चार्ट पार्क में दुकानदारों को दस फिट पीछे हटना पड़ा। पक्का निर्माण तोड़ा गया था।

तिब्बती बाजार, भोटिया बाजार से भी व्यापारियों को दुकानें पीछे करनी पड़ीं। न्यू पालिका बाजार में अवैध दुकानों को हटाया गया। सूखाताल से बारापत्थर तक सड़क किनारे अवैध तरीके से बने पक्के निर्माण बुलडोजर से ढहाए गए। बारापत्थर में वन विभाग ने अवैध तरीके से बने घुड़साल हटाए। एक बार फिर से अतिक्रमण का दायरा बढ़ गया है। खासकर तिब्बती बाजार, मल्लीताल के अलावा पंत पार्क से गुरुद्वारा पाथवे तक अतिक्रमणकारियों की वजह से पर्यटकों व स्थानीय राहगीरों का चलना दूभर हो गया है। माल रोड में अतिक्रमण के साथ ही अवैध साइकिल पार्किंग बनाने से अधिक खतरा बढ़ गया है।

वीकेंड पर तिब्बती बाजार से निकलना मुश्किल हो जाता है। वीकेंड या सरकारी अवकाश के दिनों में पंत पार्क से गुरुद्वारा पाथवे तक सैकड़ों अवैध फड़ लग जाते हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक व पालिका व अन्य विभागों के अधिकारी इस समस्या से भिज्ञ नहीं हैं लेकिन कोविड काल में आर्थिक चोट से परेशान दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं करने का सियासी दबाव या विभिन्न संगठनों के संभावित विरोध के मद्देनजर कोई कार्रवाई करने को आगे नहीं आते। नतीजतन अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हैं और आम आदमी दिक्कत झेल रहा है। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल का कहना है कि बाजार में अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए जा रहे हैं।

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