भूकंप के झटके से डोली उत्तराखंड की धरती, गहरी नींद से उठकर घरों से भागे लोग

Earthquake in Uttarakhand आधी रात एक बजकर 58 मिनट पर उत्तराखंड की धरती भूकंप के तेज झटकों से डोल उठी। लोग गहरी नींद में दहशत में उठे और घरों से बाहर की ओर भागे। भूकंप की तिव्रता रिक्टर स्केल पर 6.5 रही।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 09 Nov 2022 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 09 Nov 2022 05:10 AM (IST)
भूकंप के झटके से डोली उत्तराखंड की धरती, गहरी नींद से उठकर घरों से भागे लोग
भूकंप के झटके से डोली उत्तराखंड की धरती, गहरी नींद से उठकर घरों से भागे लोग

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Earthquake in Uttarakhand : भूकंप के जोरदार झटके से मंगलवार देर रात करीब 1.58 बजे पूरा कुमाऊं हिल उठा। हल्द्वानी सहित ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और नैनीताल में सहमे लोग गहरी नींद से घटराकर उठे और घरों से बाहर की तरफ भागे। पूरे उत्तराखंड में अफरातफरी मची रही।

झटका इतना तेज था कि घरों में लगे पंखे और खिड़की के दरवाजे तक हिलने लगे। नैनीताल जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार भूकंप की तिव्रता रिक्टर स्केल पर 6.5 रही। इसका केंद्र नेपाल के कुलखेती में बताया जा रहा है। भूकंप का असर नेपाल के साथ ही पूरे भारत में बताया जा रहा है।

रुद्रपुर में मची भगदड़

भूकंप के झटके महसूस होते ही रुद्रपुर में भगदड़ मच गई। वहां के ओमेक्स कालोनी के बाहर लोग जमा हो गए। देखते ही देखते सभी फ्लैट खाली हो गए। इस बीच लोग अपने सगे संबंधियों से भूकंप के बारे में जानने में लगे रहे। कुछ ने तो इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर भी भूकंप की जानकारी दी।

नैनीताल में घरों से बाहर निकले लोग

नैनीताल में तो भगदड़ की स्थिति बन गई। देर रात नैनी झील के किनारे के होटलों से पर्यटक बाहर की ओर भागे। कुछ ही देर में फ्लेट मैदान में लोगों को जमावड़ा लग गया। आसपास के लोग भी घरों से बाहर की तरफ भागे।

पिथौरागढ़ सर्वाधिक प्रभावित

भूकंप से कुमाऊं का सीमांत जिला पिथौरागढ़ सर्वाधिक प्रभावित रहा। भूकंप के केंद्र नेपाल से करीब होने के कारण यहां के लोगों ने तेज झटका महसूस किया। कुछ घरों में दरार की भी बात सामने आ रही है। जिला प्रशासन के अनुसार वास्तविक स्थिति का पता बुधवार सुबह चलेगा।

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है उत्तराखंड

भूकंप के लिहाज से यूं तो पूरा उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। लेकिन कुमाऊं में खतरा ज्यादा रहता है। अभी तक यहां सात से आठ रिक्टर स्केल तक के भूकंप आ चुके हैं। कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील हैं। इन इलाकों में भूंकप धरती के 10 से लेकर 25 किलोमीटर गहराई के बीच भूकंप आते रहे हैं।

इंडियन प्लेट में हिमालयन थ्रष्ट के जोड़ में गतिविधियों से भूकंप की वजह हैं। भूकंप में चट्टान की अपेक्षा मिट्टी वाले इलाकों में नुकसान अधिक होता है। इस दृष्टि से ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी बेहद संवेदनशील हैं।

रात नौ बजे भी आया था भूकंप

उत्तराखंड से सटे सुदूर पश्चिम नेपाल के डोटी में मंगलवार रात 9:07 बजे भी भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया था। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अनुसार रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 रही। इसका प्रभाव नेपाल के करनाली और लुंबिनी जिले में सर्वाधिक रहा। इसके बाद देर रात करीब दो बजे भारत में भी भूकंप के झटके महससू किए गए।

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