अभिनव पहल : सामूहिक सब्जी उत्पादन करने वाला पिथौरागढ़ का पहला गांव बना धामी फल्याटी

धामी फल्याटी जिले का पहला ऐसा गांव बन चुका है जहां पर ग्रामीण सामूहिक रूप से साग-सब्जी उत्पादन करने लगे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 04 May 2019 07:08 PM (IST) Updated:Sun, 05 May 2019 05:55 PM (IST)
अभिनव पहल : सामूहिक सब्जी उत्पादन करने वाला पिथौरागढ़ का पहला गांव बना धामी फल्याटी
अभिनव पहल : सामूहिक सब्जी उत्पादन करने वाला पिथौरागढ़ का पहला गांव बना धामी फल्याटी

पिथौरागढ़, जेएनएन : नाचनी क्षेत्र के धामी फल्याटी गांव की तस्वीर बदल रही है। उत्तराखंड विक्रेंदीकृत जलागम योजना के तहत खेतों को पानी मिलते ही किसानों ने कम लाभ वाली परंपरागत खेती छोड़ कर व्यावसायिक सब्जी का उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। धामी फल्याटी जिले का पहला ऐसा गांव बन चुका है जहां पर ग्रामीण सामूहिक रूप से साग-सब्जी उत्पादन करने लगे हैं। नाचनी क्षेत्र के धामी फल्याटी गांव के निकट दो हिमानी नदियां बहती हैं। नदियों से लगभग तीन सौ मीटर की  ऊंचाई पर बसे धामी फल्याटी के खेत सूखे रहते थे। मजबूरी में गांव के ग्रामीण इंद्रदेव की कृपा पर आश्रित खेती ही कर रहे थे। खेती में कम मुनाफे के चलते रोजगार के लिए ग्रामीण पलायन कर रहे थे। इस बीच गांव का चयन जलागम योजना के तहत हो गया। विक्रेंदीकृत जलागम योजना के तहत गांव तक सोलर लिफ्ट योजना से पानी पहुंचाया गया और टैंक बना दिया गया। जिससे धामी फल्याटी गांव के खेत सिंचित होने लगे हैं।

गांव में सिंचाई के लिए पानी पहुंचते ही ग्रामीणों ने इस बार से परंपरागत अलाभकारी कृषि त्याग कर व्यावसायिक साग-सब्जी उत्पादन का निर्णय लिया। गांव के दो दर्जन से अधिक परिवारों ने सामूहिक रू प से साग-सब्जी उत्पादन का निर्णय लेकर एक मिसाल पेश की है। गांव के 6.10 हेक्टेयर यानि तीन सौ नाली भूमि अब साग सब्जी से हरी भरी होगी। मीना देवी, ग्राम प्रधान, धामी फल्याटी ने बताया कि गांव में आज तक ग्रामीण खेती में जी तोड़ मेहनत करते थे और परिणाम न के बराबर रहता था। सिंचित भूमि नहीं होने से खेतों से मेहनत के बदले काफी कम अनाज पैदा होता था। अब ग्रामीण सामूहिक रू प से साग-सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। गांव सड़क के निकट है। नाचनी, थल, तेजम, क्वीटी बाजार निकट में हैं। गांव से उत्पादित जैविक सब्जी इन बाजारों तक पहुंचेगी।

स्वायत्त सहकारी समिति आई आगे

ग्रामीणों के इस प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए त्रिवेणी संगम स्वायत्त्त सहकारिता संघ का गठन कर दिया गया है। संघ के हरीश आर्या, दीपू चुफाल, दिनेश धामी, त्रिभुवन जोशी सहयोग कर रहे हैं।

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