पूर्व आइएएस कुश वर्मा बोले, मलेशिया की तर्ज पर टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट से आएगा सुशासन
प्रशासनिक सेवा के विशेषज्ञ पूर्व आइएएस कुश वर्मा का कहना है कि मलेशिया की तर्ज पर मंत्रालयों व विभागों में टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट सेल बनाने से भ्रष्टाचार का खात्मा होगा।
नैनीताल, जेएनएन : प्रशासनिक सेवा के विशेषज्ञ पूर्व आइएएस कुश वर्मा का कहना है कि मलेशिया की तर्ज पर मंत्रालयों व विभागों में टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट सेल बनाने जैसे उपाय से सुशासन के साथ ही भ्रष्टाचार का खात्मा संभव है। उन्होंने नियुक्ति, पदोन्नति के सिस्टम में खामियों को पैकेज के रूप में दूर करने पर जोर दिया।
सोमवार को डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में गुड गवर्नेंस पर देशभर के वरिष्ठ आइएफएस अफसरों की पांच दिनी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें बतौर विशेषज्ञ पूर्व आइएएस वर्मा ने हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका आदि के सुशासन का मॉडल समझाया। साथ ही देश में सुशासन व भ्रष्टाचार रहित सिस्टम विकसित करने के लिए तमाम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि दबाव मुक्त होकर नीति बनाना व उसका क्रियान्वयन जरूरी है। आइएफएस संजीव चतुर्वेदी ने दूसरे सत्र में कहा कि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को संविधान के अनुच्छेद 312 में शक्तियां दी गई हैं। खुद के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा के मामले में चार बार राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा जारी निलंबन और राज्य सरकार द्वारा की गई जांच को रद किया। अंत में एसीआर को भी ठीक कर दिया।
उन्होंने एम्स के भ्रष्टाचार में की गई कार्रवाई, केंद्रीय सतर्कता आयोग व सीबीआइ को कानून द्वारा मिली शक्तियों तथा भ्रष्टाचार के मामलों में इन एजेंसियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचार व कुशासन को समाप्त या नियंत्रित किया जाए तो देश भी दुनिया के विकसित देशों की कतार में खड़ा हो जाएगा। संस्थान के निदेशक एएस नयाल के निर्देशन में हुए उद्घाटन सत्र का शुभारंभ उपनिदेशक विवेक कुमार सिंह, उपनिदेशक विवेक राय, कोर्स डायरेक्टर मनोज पांडे, सह कार्यक्रम निदेशक डॉ. ओमप्रकाश ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यशाला में पीसीसीएफ ललित कुमार तिवारी, विजय कुमार गोगी, लमखोसाई, भगवत सिंह, अनूप सिंह, वीएस मलिक, राजबीर पंवार, एमटी नंदी, केएस रंधावा, पीसी रॉय, डॉ. के. मुरुगेशन, बृजेश दीक्षित, प्रकाश उन्हाले, आरके तिवारी, आरएस सिकरवार मीता उपाध्याय, डॉ मंजू पांडे आदि मौजूद थीं।