कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देकर कहा, मजदूरों को छह माह तक मिले 7500 रुपए

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि श्रमिकों के खाते में एकमुश्त दस हजार की राशि डालने के साथ छह महीने तक लगातार 7500 हजार रुपये भी दिए जाए।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 08:03 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 08:03 AM (IST)
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देकर कहा, मजदूरों को छह माह तक मिले 7500 रुपए
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देकर कहा, मजदूरों को छह माह तक मिले 7500 रुपए

हल्द्वानी, जेएनएन : युवा कांग्रेस द्वारा मंगलवार को मजदूरों के मुद्दे पर बुद्ध पार्क व ब्लॉक परिसर में धरना दिया गया। कहा कि श्रमिकों के खाते में एकमुश्त दस हजार की राशि डालने के साथ छह महीने तक लगातार 7500 हजार रुपये भी दिए जाए। क्योंकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा संकट इन लोगों पर आया है।

बुद्ध पार्क में धरने के दौरान जिलाध्यक्ष गजेंद्र गौनिया ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरों को साल में 200 दिन काम मिलना चाहिए। इस दौरान त्रिलोक कठायत, जीवन बिष्ट, पूरन बिष्ट, अंकित परिहार मौजूद रहे। वहीं, ब्लॉक में धरने के दौरान जिला संयोजक उमेश बिनवाल ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति सुधारने के साथ प्रवासियों के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए। और काश्तकारों को उनके नुकसान का पूरा मुआवजा भी मिले। यहां धरने पर राजा फस्र्वाण, प्रदीप नेगी, रोहित बिनवाल, निखिल कुमार, रितेश कुल्याल, रोहित आर्य शामिल रहे।

सत्ता को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए : इंदिरा

भाजपा के वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा कांग्रेस पर टिप्पणी करने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कड़ी आपत्ति जताई है। इंदिरा ने कहा कि सत्ता में अगर धैर्य होता तो वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी से जुड़ी संस्थाओं के काम पर नजर दौड़ाती। जो कि आपातकाल जैसे इस दौर में गरीबों को राशन, भोजन व दवा उपलब्ध कराने में जुटी है। कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से इस तरह का बयान देने से मददगारों का मनोबल कम होगा।

हर व्यक्ति अपनी क्षमतानुसार कर रहा सहयोग

नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि समाज का हर व्यक्ति अपनी क्षमतानुसार इस समय गरीबों को सहयोग कर रहा है। ऐसे जमीनी लोगों की बदौलत ही कमजोर लोगों को भूखे पेट नहीं सोना पड़ रहा। विधायक चौहान को बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा सफाईकर्मियों व कम वेतनमान वाले कर्मचारियों की सैलरी से किसी तरह की कटौती नहीं होनी चाहिए। 

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