एमबीपीजी कालेज में आंदोलन का श्रेय लेने की होड़, प्रमुख संगठनों के साथ पूर्व छात्रनेता भी मैदान में

एमबीपीजी कालेज में प्रवेश की मांग कर रहे छात्र अचानक से अराजक हो गए। सीओ की गाड़ी रोकते समय पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें मौके से हटा दिया। गुस्साएं छात्रों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 09:53 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 10:02 AM (IST)
एमबीपीजी कालेज में आंदोलन का श्रेय लेने की होड़, प्रमुख संगठनों के साथ पूर्व छात्रनेता भी मैदान में
एमबीपीजी कालेज में आंदोलन का श्रेय लेने की होड़, प्रमुख संगठनों के साथ पूर्व छात्रनेता भी मैदान में

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एमबीपीजी कालेज में प्रवेश की मांग कर रहे छात्र अचानक से अराजक हो गए। सीओ की गाड़ी रोकते समय पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें मौके से हटा दिया। गुस्साएं छात्रों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। ऐसे में कालेज की राजनीति को रंग पकड़ता देख अब उसका श्रेय लेने की होड़ भी शुरू हो गई है। जिसके लिए कालेज के प्रमुख छात्र संगठनों के साथ ही पूर्व छात्रनेता भी मैदान में आ गए हैं। जिसमें प्राचार्य व कालेज प्रशासन को घेरने की कोशिश की जा रही है।

शत प्रतिशत छात्रों को प्रवेश देने की मांग पर शुरू हुए आंदोलन में पुलिस की एंट्री से ही मामला बढ़ गया है। चुनावी माहौल में सभी संगठन इसे अपने साथ जोडऩे के लिए प्रयासरत हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का दावा है कि शुक्रवार को आंदोलन व लाठी चार्ज के दौरान सिर्फ उन्हीं के कार्यकर्ता मौजूद थे। जबकि अन्य कई छात्र बेवजह अपना नाम आगे कर रहे हैं। एबीवीपी से जुड़े अमन बिष्ट ने बताया कि शीघ्र ही संगठन की ओर से इस संबंध में बयान भी जारी किया जाएगा। कालेज गेट के पास एबीवीपी से जुड़े छात्र-छात्राएं अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठे हैं। जिसमें वह सभी मांगों पर सहमति तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं।

वहीं आंदोलन की गूंज शहर में फैलते ही देर शाम एनएसयूआई की ओर से भी बयान जारी किया गया। जिसमें छात्र आंदोलन में एनएसयूआई की ओर से लाठी चार्ज पर आपत्ति प्रकट करते हुए छात्रों का साथ देने की बात कही गई। शनिवार को एनएसयूआई के साथ ही कई अन्य पूर्व छात्रनेता कालेज पहुंचे। जहां प्राचार्य व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीखी नोंक-झोंक भी हुई। जिसमें प्राचार्य पर कई आरोप भी लगाए गए हैं। फिलहाल राजनीति की पाठशाला में हर कोई अपनी गोटी फिट करने को बेताब नजर आ रहा है।

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