हल्द्वानी का मास्टर प्लान अधूरा छोड़कर कंपनी लापता, कंपनी प्रबंधक को जारी होगा नोटिस

कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा गुरुग्राम की जिस कंपनी पर है वह पिछले छह माह से गायब है। लॉकडाउन से कंपनी का कार्यालय बंद है। जून में अनलॉक-1 से कामकाज शुरू हुए लेकिन मास्टर प्लान बनाने वाली कंपनी गायब रही।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 08:03 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 08:03 AM (IST)
हल्द्वानी का मास्टर प्लान अधूरा छोड़कर कंपनी लापता, कंपनी प्रबंधक को जारी होगा नोटिस
हल्द्वानी का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा गुरुग्राम की जिस कंपनी पर है वह पिछले छह माह से गायब है।

हल्द्वानी, गणेश पांडे : कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा गुरुग्राम की जिस कंपनी पर है वह पिछले छह माह से गायब है। लॉकडाउन से कंपनी का कार्यालय बंद है। जून में अनलॉक-1 से कामकाज शुरू हुए, लेकिन मास्टर प्लान बनाने वाली कंपनी गायब रही। शहर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अधिकारियों के लगातार संपर्क करने के बाद भी कंपनी के प्रतिनिधि कोई जवाब नहीं दे रहे। ऐसे में मास्टर प्लान का काम अधर में लटक गया है। विभाग कंपनी को नोटिस जारी करने की तैयारी में है।

कुमाऊं के हल्द्वानी, नैनीताल, काशीपुर और रुद्रपुर शहर के जियोग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) बेस्ड मास्टर प्लान पर पिछले साल से कार्य चल रहा है। हल्द्वानी का मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा गुरुग्राम की इनोवेस्ट इन्फ्रा के पास है। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में सर्वेक्षण का काम शुरू किया। सर्वेक्षण का काम तीन माह में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन लेटलतीफी के कारण काम धीमा होता रहा। कार्य की निगरानी का जिम्मा शहर एवं ग्राम नियोजन विभाग के पास है। केंद्र सरकार ने कोरोना काल को देखते हुए मास्टर प्लान तैयार करने की डेडलाइन मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। स्पष्ट किया है कि इसके बाद किसी हाल में तिथि आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

एसएम श्रीवास्तव, सह युक्त नियोजक कुमाऊं ने बताया कि हल्द्वानी का मास्टर प्लान बनाने के लिए अनुबंधित कंपनी से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। कंपनी के प्रतिनिधि कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। कंपनी को नोटिस देने की तैयारी है। किसी दूसरी एजेंसी को हायर किया जाए या फिर विभाग खुद मास्टर प्लान तैयार करे इस पर विचार चल रहा है।

डिजिटल इमेज का सत्यापन अधूरा

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) हैदराबाद से हल्द्वानी को जीआइएस बेस्ड 896 इमेज डिजिटल रूप में प्राप्त हुई हैं। इनोवेस्ट इन्फ्रा को डिजिटल सीट का भौतिक सत्यापन व मिलान करना था। जिसके बाद इनमें जरूरी संशोधन किया जाता। कंपनी करीब 300 सीट का ही सत्यापन कर पाई। इसके बाद काम आगे नहीं बढ़ पाया।

यह जानकारी करनी थी संकलित

हर कॉलोनी, मोहल्ले, बस्ती व क्षेत्र के पूरे आंकड़ों के साथ अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र पर मिलने वाली सुविधाएं, शहर की शिक्षा का स्तर व स्कूलों की संख्या, परिवहन की सुविधा, पानी की सप्लाई, शौचालय, सीवर लाइन, बिजली सुविधा सहित कई जानकारी जुटाई जानी थी। शहरी विस्तार का विश्लेषण करने के साथ मौजूदा भूमि का इस्तेमाल, भविष्य की जरूरतों का आकलन करना होता है।

मास्टर प्लान के लिए ये हैं प्रमुख मुद्दे आवासीय प्लाटों पर बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियां। नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास। मिक्स लैंडयूज। अवैध कालोनियों का नियमितीकरण। जोनल प्लान बनाना।

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