धरती के करीब से गुजरा धूमकेतु, कुछ दिन और ऐसे कर सकते हैं दीदार

धुमकेतु पृथ्वी के बेहद करीब से होकर गुजर गया। इसे अगले कुछ दिनों तक बायनाकूलर की मदद से देखा जा सकेगा। क्योंकि धुमकेतु सूर्य की परिक्रमा कर आगे बढ़ेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 06 Aug 2018 09:35 PM (IST) Updated:Wed, 08 Aug 2018 08:53 AM (IST)
धरती के करीब से गुजरा धूमकेतु, कुछ दिन और ऐसे कर सकते हैं दीदार
धरती के करीब से गुजरा धूमकेतु, कुछ दिन और ऐसे कर सकते हैं दीदार

 नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: हरे रंग का धूमकेतु सोमवार को धरती के काफी करीब से होकर गुजर गया। धूमकेतु को अगले कुछ दिन तक बायनाकूलर की मदद से देखा जा सकेगा। सूर्य की परिक्रमा पूरी कर वह अपने पथ पर आगे निकल जाएगा। इसका नाम सी 2017-एस है। हरे रंग का होने के कारण यह धूमकेतु खगोलविदों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलूर के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर ने बताया कि सोमवार की रात को वह धरती के सर्वाधिक नजदीक से होकर अपने पथ पर आगे निकल गया। पृथ्वी के निकट पहुंचने पर इसकी दूरी धरती से 11.33 करोड़ किमी थी। इस धूमकेतु में 30 जून को जोरदार विस्फोट हुआ था। जिससे इसकी चमक 15 गुना अधिक बढ़ गई और वैज्ञानिकों के आकर्षण का केंद्र बन गया। 

इस धूमकेतु को लेकर वैज्ञानिक दृष्टि से कई नई जानकारियां मिलने की संभावना वैज्ञानिक जता रहे हैं। यह धूमकेतु पहली बार सौर मंडल की भीतरी कक्षा में आया है और पहली बार ही इसका सूर्य से सामना भी होगा। अगले कुछ दिन तक इसे बायनाकूलर की मदद से देखा जा सकेगा। इसकी चमक अभी भी बढ़ रही है, जो नौ मैग्नीट्यूट है। 

कार्बन की अधिकता के कारण हरा है इसका रंग

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार धूमकेतु सी2017-एस का रंग हरा होने का कारण कार्बन हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कार्बन की अधिकता के कारण ही उसके  रंग में परिवर्तन आया होगा। बहरहाल इसे उत्तर दिशा में देखा जा सकता है। 

सूर्य के करीब पहुंचने पर बनती है लंबी पूंछ 

धूमकेतु हमारे सौर मंडल के अंतिम छोर में रहते हैं। इनमें काफी मात्रा में बर्फ होती है। यह सूर्य की परिक्रमा कर अपने पथ पर वापस लौट जाते हैं। सूर्य के नजदीक पहुंचने पर इनकी लंबी पूंछ निकल आती है, लाखों किमी लंबी हो जाती है और काफी चमकदार हो जाते हैं। इस धूमकेतु को लेकर कहा जा रहा है कि संभवत यह इसकी अंतिम यात्रा भी हो सकती है। क्योंकि सूर्य के नजदीक पहुंचने पर यह उसमें समा जाते हैं। बहरहाल इसके सफर को लेकर वैज्ञानिकों की नजर इस धूमकेतु पर बनी हुई है। 

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