खनन सत्र शुरू करने का दावा फेल, मजदूरों से लेकर गाड़ी मालिक तक परेशान

जासं हल्द्वानी एक अक्टूबर से खनन सत्र शुरू करने का दावा फिसड्डी होने के साथ इस कारोबार से जुड़े लोगों के लिए संकट खड़ा कर चुका है। पिछले सीजन में कोरोना की मार पड़ने से वाहन स्वामी ठेकेदारों से लेकर मजदूर तक परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 12:15 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 12:15 AM (IST)
खनन सत्र शुरू करने का दावा फेल, मजदूरों से लेकर गाड़ी मालिक तक परेशान
खनन सत्र शुरू करने का दावा फेल, मजदूरों से लेकर गाड़ी मालिक तक परेशान

जासं, हल्द्वानी: एक अक्टूबर से खनन सत्र शुरू करने का दावा फिसड्डी होने के साथ इस कारोबार से जुड़े लोगों के लिए संकट खड़ा कर चुका है। पिछले सीजन में कोरोना की मार पड़ने से वाहन स्वामी, ठेकेदारों से लेकर मजदूर तक परेशान हैं। स्थिति यह है कि ठेकेदार अपने मजदूरों के लिए वाहन स्वामियों से एडवांस मांग रहे हैं तो वाहन स्वामी क्रशर के चक्कर काट रहे हैं। पहले एक लाख तक प्रति गाड़ी में क्रशर से एडवांस मिल जाया करता था, मगर अब पचास हजार रुपये मिलना भी मुश्किल हो चुका है।

गौला को कुमाऊं की लाइफलाइन कहा जाता है। खनन के लिए 7-8 महीने चलने वाली नदी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर एक लाख लोगों के लिए रोजगार खड़ा करती है। गौला के अलावा नंधौर, कोसी, दाबका आदि के जरिये भी हजारों परिवारों का गुजारा होता है। पिछले सीजन में पहले लाकडाउन ने गाड़ियों के पहिये थाम दिए। फिर सीजन खुला भी तो सब गाडि़यां नहीं चलने से वाहन स्वामियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, अक्टूबर के 20 दिन बीतने के बावजूद अभी खनन सत्र का कुछ पता नहीं है। स्टाक पर प्रतिबंध से आएगी दिक्कत

शासन के निर्देश पर उपखनिज स्टाक पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया गया है। कई खनन कारोबारीं निकासी गेटों से कुछ दूरी पर बडे़-बड़े प्लाट लेकर स्टाक करते थे। वाहन स्वामी नदी से उपखनिज लाने के बाद यहां बेच दिया करते थे, मगर अब प्रतिबंध की वजह से सभी को क्रशर जाना पड़ेगा। वहां गाड़ियों की संख्या बढ़ने से रेट व अन्य मामलों को लेकर आने वाली हर समस्या वाहन स्वामी को ही झेलनी पड़ेगी। श्रमिक फोन कर हल्द्वानी आने के लिए भाड़ा मांग रहे हैं, मगर अधिकांश गाड़ी मालिक देने की स्थिति में नहीं है। हर साल नियमित श्रमिकों को काम पर लौटने से पहले एडवांस दिया करते थे, मगर इस दफा बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फईम, श्रमिक ठेकेदार लाकडाउन की वजह से खनन कारोबार पर संकट आया। पहले एक गाड़ी पर आराम से एक लाख एडवांस मिल जाता था, मगर अब कुछ जगहों पर बीस से तीस हजार रुपये मिल रहे हैं। गौला खुले तो कुछ राहत मिले।

पम्मी सैफी, सचिव गौला संघर्ष समिति जैसे-तैसे ठेकेदार व चालक को एडवांस दिया। लेनदेन का यह सिस्टम सालों से चल रहा है, मगर पिछला खनन सत्र फीका रहने की वजह से खनन कारोबार से जुड़े हर व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ा।

राजेंद्र बिष्ट, अध्यक्ष गौला खनन मजदूर समिति मौजूदा स्थिति के हिसाब से क्रशर स्वामी वाहन स्वामियों को एडवांस तो दे रहे हैं, मगर हर किसी की आर्थिक स्थिति अलग है। ऐसे में कोई कम तो कोई ज्यादा देता है।

राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष कुमाऊं क्रशर एसोसिएशन

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