देहरादून से बंगलौर तक महकेगी चम्पावत के पहाड़ी घी की खुशबू

आंचल डेयरी प्रबंधन द्वारा तैयार पहाड़ी घी की खुशबू अब देहरादून अल्मोड़ा के साथ अब बंगलौर तक महकेगी। परंपरागत तरीके से तैयार किए जा रहे पहाड़ी घी को आकर्षक पैकेजिंग में तैयार करने के लिए डेयरी प्रबंधन डिब्बे में घी की पैकिंग करने जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 03:23 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 09:58 PM (IST)
देहरादून से बंगलौर तक महकेगी चम्पावत के पहाड़ी घी की खुशबू
देहरादून से बंगलौर तक महकेगी चम्पावत के पहाड़ी घी की खुशबू

चम्पावत, जेएनएन : आंचल डेयरी प्रबंधन द्वारा तैयार पहाड़ी घी की खुशबू अब देहरादून, अल्मोड़ा के साथ अब बंगलौर तक महकेगी। परंपरागत तरीके से तैयार किए जा रहे पहाड़ी घी को आकर्षक पैकेजिंग में तैयार करने के लिए डेयरी प्रबंधन डिब्बे में घी की पैकिंग करने जा रहा है। इसके लिए पैकेजिंग मशीन लगाने की कवायद की जा रही है।

चम्पावत दुग्ध संघ द्वारा आंचल दूध के साथ छुरपी चीज, दही, पनीर, मक्खन के बाद घी भी उच्चतम क्वालिटी का तैयार कर रहा है। लेकिन दूध की खपत ज्यादा हो जाने के कारण घी कम बन पा रहा था। जिसमें पाउच में भरकर बिक्री की जा रही थी। लेकिन धीरे-धीरे घी की डिमांड बढऩे लगी। पहले तो कुमाऊं में घी की डिमांड थी लेकिन अब घी की डिमांड प्रदेश के साथ देहरादून व बंगलौर तक पहुंच गई। जिस कारण दुग्ध संघ प्रबंधन ने आंचल घी का नाम बदलकर आंचल पहाड़ी घी रख दिया।

नाम बदलने के साथ संघ घी की पैकिंग भी बदलने जा रहा है। अब पाउच की जगह घी डब्बे की पैकिंग में मिलेगा। आंचल दुग्ध संघ प्रबंधक राजेश मेहता ने बताया कि पूर्व में घी की ब्रिकी 300 से 400 लीटर होती थी लेकिन नवंबर माह में घी की सेल 1800 लीटर पहुंच गई। घी 550 रुपये किग्रा में बिक रहा है। वहीं अल्मोड़ा दुग्ध संघ ने ही 2000 लीटर घी की डिमांड दी है। घी को मैनुअल तरीके से बनाया जा रहा है। साथ ही घी की पैकिंग भी अब डिब्बे में की जाएगी। इसके लिए नई पैकिंग मशीन भी लगाई जा रही है।

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