नंदा-गौरा योजना के लिए मिला चार करोड़ का बजट, बेटी के जन्म व 12वीं की शिक्षा के लिए मिलती है सहायता राशि

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा उत्तराखंड में बालिकाओं की सुरक्षा विकास एवं समृद्धि के लिए योजनाएं संचालित की जाती हैं। इन्हीं में से एक योजना नंदा गौरा योजना भी है। इस योजना के तहत कन्या जन्म पर 11 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 11:17 PM (IST)
नंदा-गौरा योजना के लिए मिला चार करोड़ का बजट, बेटी के जन्म व 12वीं की शिक्षा के लिए मिलती है सहायता राशि
2019-20 में उनके पास बारहवीं पास के 401 व कन्या जन्म के 284 आवेदन आए थे।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: वित्तीय वर्ष 2019-20 में नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन करने वाले लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर है। उनके हिस्से की सहायता राशि जल्द ही उन्हें मिलेगी। इसके लिए जिले को चार करोड़ रुपये का बजट मिला है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा उत्तराखंड में बालिकाओं की सुरक्षा, विकास एवं समृद्धि के लिए योजनाएं संचालित की जाती हैं। इन्हीं में से एक योजना नंदा गौरा योजना भी है। इस योजना के तहत लिंगानुपात में सुधार के लिए कन्या जन्म पर 11 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। वहीं, बालिकाओं को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए 52 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है। योजना के तहत दोनों श्रेणियों में हर साल आवेदन मांगे जाते हैं।

नैनीताल जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में किए गए आवेदनों के लाभार्थियों को योजना की सहायता राशि नहीं मिल सकी थी। विभागीय अधिकारियों का कहना था कि कोरोना संक्रमण व अन्य कारणों के चलते बजट प्राप्त नहीं हो सका था। बहरहाल, नया साल इन आवेदकों के लिए कुछ बेहतर जरूर रहने वाला है। विभाग की मानें तो जिले को 2019-20 के बजट की चार करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो गई है। जल्द ही आवेदनों के अनुसार विकासखंडवार बजट जारी किया जाएगा। विकासखंड हल्द्वानी की सीडीपीओ चंपा कोठारी ने बताया कि 2019-20 में उनके पास बारहवीं पास के 401 व कन्या जन्म के 284 आवेदन आए थे।

करीब छह करोड़ की है जरूरत

2019-20 में नन्दा गौरा योजना के लिए जितने आवेदन जिले को प्राप्त हुए थे उसके अनुसार पांच करोड़ 97 लाख रुपये की जरूरत है। हालांकि, पहली किश्त चार करोड़ रुपये की ही जारी हुई है। ऐसे में सभी आवेदकों को सहायता राशि मिलनी थोड़ी मुश्किल है। विभाग का कहना है कि पहली किश्त से प्रतिपूर्ति के बाद जितने आवेदन रह जाएंगे उसके लिए बजट की डिमांड की जाएगी।

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