बेस अस्पताल में कांग्रेसी नेता की दबंगई

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में कांग्रेसी विधायक हरीश ध

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Sep 2017 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 17 Sep 2017 03:00 AM (IST)
बेस अस्पताल में कांग्रेसी नेता की दबंगई
बेस अस्पताल में कांग्रेसी नेता की दबंगई

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में कांग्रेसी विधायक हरीश धामी के हंगामे का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है, वहीं शनिवार को बेस अस्पताल में कांग्रेस नेता इशरत की दबंगई से हल्ला मच गया। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. एमए खान ने कांग्रेस नेता के खिलाफ गालीगलौज व धमकी देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए तहरीर दी है। समर्थन में उतरे प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर सोमवार से ओपीडी का कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

शनिवार सुबह कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष इशरत मरीज लेकर डॉ. एमए खान की ओपीडी में घुस गए। डॉक्टर ने इस तरह घुसने पर एतराज जताया। इस पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। डॉ. खान का आरोप है कि वह ओपीडी नंबर 14 में मरीजों का इलाज कर रहे थे। मरीजों की संख्या काफी थी। आरोप है कि तभी इशरत 40-50 लोगों को लेकर कमरे में घुसकर जबरन ओपीडी बंद करवाने लगे। कतार में खड़े व्यक्ति आपत्ति जताने लगे तो वह गालीगलौज पर उतारू हो गए और धमकी देने लगे। इस घटना से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यहां तक कि फिजीशियन डॉ. अमित रौतेला की ओपीडी भी प्रभावित हुई। इसके बाद दोनों प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसबी ओली कार्यालय पहुंच गए। एक-दूसरे पर आरोप भी लगाने लगे। कुछ देर की बहस के बाद डॉक्टर वहां से चले गए। इस दौरान इशरत ने पीएमएस को डॉक्टरों की कमी को दूर करने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा। डॉ. खान ने कार्रवाई व सुरक्षा के लिए पुलिस को तहरीर सौंपी है।

इधर, घटना पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ का पारा चढ़ गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. एसएस बिष्ट ने बताया कि मामले में संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा हुई। निर्णय लिया गया है कि अगर आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो पीएमएस आंदोलन करेगा। सोमवार से कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान पूरे जिले के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रहेगी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो इमरजेंसी व पोस्टमार्टम ड्यूटी का बहिष्कार करने को भी बाध्य होंगे। कोतवाल केआर पांडेय का कहना है कि डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इधर, इशरत का कहना है कि वह ज्ञापन देने गए थे। इससे पहले जब वह मरीज को दिखाने गए थे तो डॉक्टर ने उनसे बाहर जाने को कह दिया। इसी बात पर कहासुनी हो गई थी। इससे ज्यादा कोई मामला नहीं है।

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