सड़कों का प्रस्ताव देने में भगत पहले तो दुम्का तीसरे नंबर पर, आरटीआइ से मिली जानकारी

सड़कों की मांग और प्रस्ताव तैयार करने में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत पहले नंबर पर हैं। भगत ने पिछले पांच साल में 185 प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग के जरिये शासन को भेजे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 27 Dec 2019 11:41 AM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 03:00 PM (IST)
सड़कों का प्रस्ताव देने में भगत पहले तो दुम्का तीसरे नंबर पर, आरटीआइ से मिली जानकारी
सड़कों का प्रस्ताव देने में भगत पहले तो दुम्का तीसरे नंबर पर, आरटीआइ से मिली जानकारी

हल्द्वानी, जेएनएन : सड़कों की मांग और प्रस्ताव तैयार करने में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत पहले नंबर पर हैं। भगत ने पिछले पांच साल में 185 प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग के जरिये शासन को भेजे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश दूसरे तो लालकुआं के विधायक नवीन दुम्का के सबसे कम (तीसरे) प्रस्ताव शामिल है। हालांकि सड़कों का जाल बिछने का रिकॉर्ड चेक करें तो लालकुआं विधानसभा क्षेत्र हल्द्वानी व कालाढूंगी पर भारी है। पिछले पांच साल के आंकड़े इसमें शामिल हैं। इन पांच वर्षों में लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल का कार्यकाल भी शामिल है।

हल्द्वानी डिवीजन में आते हैं तीनों विधानसभा क्षेत्र

लोनिवि की हल्द्वानी डिवीजन के अधीन लालकुआं (नवीन दुम्का), कालाढूंगी (बंशीधर भगत) व हल्द्वानी (डॉ. इंदिरा हृदयेश) विधानसभा क्षेत्र आती है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2015 से 2019 के बीच अब तक इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 486.90 किमी सड़कों का निर्माण हुआ है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा द्वारा 132 व विधायक नवीन दुम्का द्वारा सड़क निर्माण, मरम्मत, सुंदरीकरण आदि से जुड़े 115 प्रस्ताव शामिल कराए गए।

हल्द्वानी में 104 और कालाढूंगी में 141 किमी को मंजूरी

आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2015 से 19 के बीच हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र में 104.75 किमी, लालकुआं में 240.59 और कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में 141.55 किमी सड़क को मंजूरी मिली है। लोनिवि के मुताबिक, पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल के कार्यकाल में बनी सड़कें भी इसमें शामिल है।

हल्द्वानी का बड़ा हिस्सा नगर निगम का

परिसीमन के बाद नगर निगम का इलाका और बढ़ा है। हल्द्वानी के अधिकांश लिंक मार्ग नगर निगम के हिस्से में आते हैं। उनके रखरखाव और निर्माण का जिम्मा निगम प्रशासन के ही पास है। हालांकि खराब आर्थिक स्थिति के चलते नगर निगम सड़कों की सेहत सुधारने में नाकाम है। वहीं एचएस रावत, ईई लोनिवि ने बताया कि विधायकों द्वारा तैयार प्रस्ताव शासन को भेजे जाते हैं। पांच साल में ज्यादा प्रस्ताव कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र के शामिल हुए हैं।

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