समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार बिचौलिए की जमानत अर्जी खारिज

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने करोड़ों रुपये के समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार बिचौलिए की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 08 Nov 2019 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 08 Nov 2019 09:54 AM (IST)
समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार बिचौलिए की जमानत अर्जी खारिज
समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार बिचौलिए की जमानत अर्जी खारिज

नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने करोड़ों रुपये के समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार बिचौलिए की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इस घोटाले में अभी और गिरफ्तारियों के लिए एसआइटी ने जाल बिछा दिया है।

हाई कोर्ट के आदेशानुसार एसआइटी द्वारा समाज कल्याण विभाग में एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की एसआइटी द्वारा जांच की जा रही है। राज्य के 13 जिलों में इस घोटाले का जाल फैला है। 26 अक्टूबर को घोटाले की जांच कर रही एसआइटी के एसआइ दान सिंह मेहता ने भीमताल थाने में मामला दर्ज किया। एसआइटी की जांच में पता चला कि 2011-12 में समाज कल्याण विभाग द्वारा 28 छात्रों को 20 लाख से अधिक की छात्रवृत्ति के चेक भेजे गए। भौतिक सत्यापन किया गया तो इन छात्रों के संस्थान में शिक्षा ग्रहण करना या छात्रवृत्ति प्राप्त करने का कोई विवरण नहीं मिला। पांच लड़कों द्वारा मोनाड विवि के उपनिबंधक व उसके द्वारा भेजे गए बिचौलिए अंकित, राकेश, जोगेंदर व सचिन के माध्यम से कालाढूंगी लामाचौड़, दमुवाढूंगा क्षेत्र को चिह्निïत कर छात्रों का डेटा प्राप्त किया गया। विवेचना के दौरान गुलजारपुर बंकी कालाढूंगी निवासी अरविंद कुमार ने एक मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया, जो अंकित के नाम था। जिसके बाद एसआइटी द्वारा अंकित का नाम पता जुटाकर मुरादाबाद से गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में बताया कि वह राधा गोविंद कॉलेज चंदौसी रोड मुरादाबाद में नौकरी करता था। उसे मोनाड विवि के चेयरमैन प्रमोद गोयल ने कमीशन बेस पर प्रत्येक दाखिले पर तीन हजार कमीशन दिया जाता था। डीजीसी फौजदारी सुशील शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एसआइटी जांच में आरोपित के ऊधमसिंह नगर जिले में भी छात्रवृत्ति घपला करने का पता चला। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अंकित अग्रवाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

एंटी करप्शन कोर्ट ने तीन किसानों को भेजा जेल

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने बाजपुर-सितारगंज हाईवे (एनएच-74) मुआवजा घोटाला मामले में गिरफ्तार तीन किसानों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार आरोपित किसान रामदिया चौधरी निवासी मुडिय़ानी, थाना बाजपुर, कुलदीप चौधरी व सुवेक सिंह निवासी बाजपुर के खिलाफ एसआइटी द्वारा पंतनगर थाने में धारा-420, 120 बी समेत अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि एसडीएम व एसएलओ से मिलीभगत कर बैक डेट में कृषि भूमि को अकृषि घोषित करवा कर रामदिया द्वारा 23.85 लाख, कुलदीप द्वारा 15 लाख व सुवेक द्वारा सात लाख मुआवजा ले लिया गया। बुधवार को तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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