काम छोड़ फिर आंदोलन करेंगी आशा कार्यकर्ता
आशा कार्यकर्ता एक बार फिर कार्य बहिष्कार करेंगी। 21 हजार रुपये मासिक मानदेय करने और सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग को लेकर 26 नवंबर को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आशा कार्यकर्ता एक बार फिर कार्य बहिष्कार करेंगी। 21 हजार रुपये मासिक मानदेय करने और सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग को लेकर 26 नवंबर को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए सभी से एकजुट होने का आह्वान किया गया है।
एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा. कैलाश पांडेय ने शनिवार बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार का ध्यान इनकी मांगों पर नहीं है। जबकि आशा कार्यकर्ताओं का काम बढ़ाया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को कई बार ज्ञापन भी भेजा जा चुका है। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब ऐसे में सभी को एकजुट होकर आंदोलन में भागीदारी करनी होगी। डा. पांडेय ने कहा कि 26 नवंबर को जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ब्लाक कार्यालयों व जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन होगा। यूनियन की नगर अध्यक्ष रिकी जोशी ने कहा कि बुद्ध पार्क में सुबह 10 बजे से आंदोलन शुरू होगा। आखिर क्यों नहीं सुनती सरकार?
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि आखिर सरकार हमें कर्मचारी मानने को तैयार क्यों नहीं होती? जबकि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई कार्य लिए जा रहे हैं। कोविड काल में हम हर मोर्चे पर डटे हुए हैं। डा. पांडेय ने कहा कि सरकार को आम कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इस तरह की अनदेखी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।