Uttarakhand News: 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, आरोपित की धमकी पर अस्पताल में पुलिस तैनात

अल्मोड़ा की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने बुधवार को बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा की हालत ठीक बताई जा रही है। आरोपित पंकज फिलहाल जमानत पर रिहा है। उसने पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके चलते अस्पताल में पुलिस की तैनाती की गई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2022 10:55 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2022 10:55 PM (IST)
Uttarakhand News: 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, आरोपित की धमकी पर अस्पताल में पुलिस तैनात
पीड़िता और नवजात पर निर्णय सीडब्ल्यूसी करेगी।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: दुष्कर्म पीड़िता 12 वर्षीया नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया है। पीड़िता और नवजात सुरक्षित बताया जा रहा है और चिकित्सकों की देख-रेख में है। वहीं आरोपित की धमकी के बाद पीड़िता की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अस्पताल में पुलिस भी लगाई गई है।

बीते कुछ माह पूर्व गांव के एक 16 वर्ष के नाबालिग ने अपने गांव की ही 12 वर्षीया नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म का पता परिजनों को सात माह बाद चला। बीते अप्रैल माह में स्वजन अपनी बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने बच्ची के लगार पेट फूलने की बात चिकित्सकों को बताई। जिसके बाद चिकित्सकों ने बताया कि इसके पेट में गर्भ पल रहा है।

घटना के बाद स्वजनों ने राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। राजस्व पुलिस से मामला भतरौंजखान थाने को ट्रांसफर हुआ। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित पंकज को गिरफ्तार किया। आरोपित पंकज फिलहाल जमानत में है।

बुधवार को अस्पताल में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने सुरक्षित तरीके से बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा की हालत ठीक बताई जा रही है। ठीक होने के बाद नवजात और नाबालिग के भविष्य का फैसला बाल कल्याण समिति करेगी। समिति के समक्ष ठीक होने के 24 घंटे के अंदर पेश करना होगा। नवजात को शिशु निकेतन में रखा जा सकता है। 

आरोपित के धमकी देने के बाद पीड़िता नाबालिग की अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की गई है। ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। वहीं महिला आयोग ने भी स्वजनों की काउंसिलिंग की। ताकि पीड़िता को किसी प्रकार की परेशानी ना हो सके।

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि पीड़िता के परिजनों की काउंसिलिंग की गई है। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। बाकि पीड़िता और नवजात पर निर्णय सीडब्ल्यूसी करेगी। पीड़िता की सुरक्षा की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

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