101 साल के स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह चौहान के हौसले आज भी हैं बुलंद, अंग्रेजों के दांत कर दिए थे खट्टे

Independence Day बागेश्वर के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी चौहान 101 वर्ष की आयु में पूरी तरह स्वस्थ हैं। अपने सारे काम स्वयं करते हैं। अब वह कान कम सुनते हैं। सुबह चार बजे उठते हैं। योग आसन के बाद नित्य श्रीरामचरित्र मानस का पाठ करते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 13 Aug 2022 11:58 PM (IST) Updated:Sat, 13 Aug 2022 11:58 PM (IST)
101 साल के स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह चौहान के हौसले आज भी हैं बुलंद, अंग्रेजों के दांत कर दिए थे खट्टे
Independence Day: 22 फरवरी 1922 को जन्मे राम सिंह चौहान के खून में ही वीरता भरी है।

घनश्याम जोशी, बागेश्वर: Independence Day जिले के एकमात्र जीवित स्वाधीनता सेनानी आजाद हिंद फौज के जांबाज राम सिंह चौहान अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए आजादी के सशस्त्र आंदोलन में कूदे थे। वह 101 वर्ष के हो गए हैं। देश की आजादी के दिनों को आज भी याद करते हैं।

प्रथम विश्व युद्ध भी लड़े

गरुड़ तहसील के ग्राम वज्यूला, पासतोली निवासी वीर सैनिक स्व. तारा सिंह चौहान ने 1914-1918 तक हुए प्रथम विश्वयुद्ध की लड़ाई लड़ी थी।

उनके घर में 22 फरवरी 1922 को जन्मे राम सिंह चौहान के खून में ही वीरता भरी है। पिता तारा सिंह वर्ष 1940 में गढ़वाल राइफल्स में पौड़ी गढ़वाल में तैनात थे। इसी दौरान राम सिंह भी गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए। 

आजाद हिंद फौज में शामिल

जब देश में आजादी का आंदोलन चल रहा था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित राम सिंह चौहान वर्ष 1942 में अपने साथियों के साथ सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए।

उन्होंने नेताजी के साथ मलाया, सिंगापुर, बर्मा आदि स्थानों पर देश की लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों की जेल में रहे। यातनाएं सहीं लेकिन अंग्रेजों के सामने नहीं झुके।

सेनानी के तीन पुत्रों का हो चुका निधन

स्वाधीनता सेनानी राम सिंह चौहान के चार पुत्र थे। तीन पुत्रों पूरन सिंह, चंदन सिंह, आनंद सिंह का निधन हो चुका है। सेनानी के साथ चौथे पुत्र गिरीश चौहान रहते हैं।

बताया कि जिले में 114 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी में केवल एक उनके पिता अभी जीवित हैं। वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था।

अभी पूरी तरह से स्वस्थ

जीवन का शतक लगा चुके सेनानी चौहान अभी पूरी तरह स्वस्थ हैं। अपने सारे काम स्वयं करते हैं। अब वह कान कम सुनते हैं। सुबह चार बजे उठते हैं।

योग, आसन के बाद नित्य श्रीरामचरित्र मानस का पाठ करते हैं। बैंक और गांव की दुकान तक वह जाते हैं। वहां बैठकर स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में लोगों से बातचीत करते हैं।

आर्थिक आधार पर हो आरक्षण

आजाद हिद फौज के सिपाही रहे राम सिंह चौहान कहते हैं कि आजादी के बाद देश काफी तरक्की कर रहा है। अब वक्त आ गया है कि आरक्षण को आर्थिक आधार पर कर दिया जाना चाहिए ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके।

उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव पर पूरे देशवासियों को आर्शीवाद दिया। तिरंगे की आन, बान, शान को बनाए रखने की अपील की।

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