हरिद्वार में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश

पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या की थी। पथरी थाना क्षेत्र में युवक की हत्या का दूसरे दिन पर्दाफाश हुआ। रानीमाजरा गांव निवासी संजीव एक सप्ताह पहले लापता हो गया था। रविवार को उसका अधजला शव पथरी के जंगल से मिला था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:38 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:38 PM (IST)
हरिद्वार में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश
हरिद्वार में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। पथरी क्षेत्र में अवैध और अप्राकृतिक यौन संबंध के चलते हत्या और शव जलाने की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि खुद पति ने दूधिये से अपनी पत्नी के अवैध संबंध बनवाए थे। बाद में अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए दूधिये को ब्लैकमेल करने लगा। पत्नी ने दूधिये के साथ मिलकर पति की हत्या की और शव जंगल में फेंक दिया। पकड़े जाने के डर से पांच दिन बाद पेट्रोल डालकर शव को जलाया भी गया। पुलिस ने आरोपित पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर 24 घंटे के भीतर सनसनीखेज हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली।

पुलिस के मुताबिक, पथरी के रानीमाजरा गांव निवासी संजीव की पत्नी अंजना ने नौ मई को अपने पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि पति फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था और वापस नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर संजीव की तलाश शुरू की। एसएचओ पथरी अमर चंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने संजीव की कॉल डिटेल खंगालने से लेकर पड़ोसियों और उसके साथ काम करने वालों तक से पूछताछ की। संजीव की पत्नी अंजना के बयानों में झोल नजर आने पर पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की। तब उसने धनपुरा निवासी शिवकुमार उर्फ शिब्बू के साथ मिलकर संजीव की हत्या कुबूल की। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने जंगल से अधजला शव बरामद किया। 

अंजना ने पुलिस को बताया कि शिवकुमार उनके घर दूध देने आता था। करीब 10 साल पहले संजीव ने खुद उसकी दोस्ती कराई। दोनों बीच प्रेम प्रसंग और फिर अवैध संबंध हो गए। अंजना और शिवकुमार के मुंह से आगे की कहानी सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि संजीव खुद शिव कुमार को अवैध संबंध बनवाने के लिए अपने घर लेकर आता था। वह खुद भी शिव कुमार से अप्राकृतिक संबंध बनवाता था। कुछ दिन से संजीव उसे ब्लैकमेल करने लगा था कि उसने यह सिलसिला जारी नहीं रखा तो वह समाज के सामने उसकी सच्चाई उजागर कर देगा। 

तब अंजना और शिव कुमार ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई, जिसके तहत शिवकुमार ने नौ मई को अंजना से अवैध संबंध और संजीव से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के बहाने उसे फेरुपुर में अपने मकान पर बुलाया। जहां अंजना व शिवकुमार ने रस्सी से गला घोंटकर संजीव की हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरे में भरकर जंगल में फेंक दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि अंजना को पकड़े जाने का डर सताने लगा था। उसने शिवकुमार से बात की, तब 14 मई को शिवकुमार ने जंगल जाकर पेट्रोल से शव में आग लगा दी। दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

ग्राम प्रधान को फंसाने की थी योजना

संजीव अपने गांव में सरकारी निर्माण कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान से सूचना अधिकार अधिनियम में जानकारी मांगता रहता था। जिस कारण प्रधान से उसके संबंध ठीक नहीं थे। अंजना व शिवकुमार इससे वाकिफ थे। उन्हें लगा कि संजीव के लापता होने पर उसे गायब करने का आरोप प्रधान के सिर आएगा। इस खतरनाक मंसूबे को अमलीजामा पहनाने के लिए अंजना ने गुमशुदगी दर्ज कराने के दौरान ग्राम प्रधान पर शक भी जताया।

अपने बुने जाल में खुद फंसी अंजना

हरिद्वार: पहले दिन रोते बिलखते हुए पति की गुमशुदगी दर्ज कराने से लेकर कई दिन बाद तक अंजना ने पुलिस को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इंस्पेक्टर अमर चंद्र शर्मा की पैनी नजर के चलते वह अपनी बुने हुए जाल में खुद फंस गई। दरअसल, अंजना ने पहले दिन गुमशुदगी दर्ज कराते हुए पहले तो रोना धोना किया और फिर उसकी बुराई भी करने लगे। बातों-बातों में कई बार उसने यह भी कहा कि साहब जंगल की तरफ ढूंढने पर शायद संजीव का कुछ पता चल जाए। उसके कहने पर पुलिस अगर उसी दिन जंगल जाकर शव ढूंढ लेती तो साजिश के तहत वह हत्या का इल्जाम ग्राम प्रधान के सिर लगा देती।

पुलिस को फोन पर गालियां बकता था संजीव

अप्राकृतिक यौन संबंध के कारण संजीव अक्सर बीमार रहता था। उसके बारे में गांव में तरह-तरह की चर्चाएं बनी हुई थी। कई बार वह मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की स्थिति में पहुंच जाता था। घर के सामने से कुत्ता गुजर जाए तो बेरहमी से उसकी पिटाई करने लगता था। कई बार उसने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर पुलिसकर्मियों को गालियां तक दी। पुलिस के अनुसार, संजीव की मानसिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपनी मौजूदगी में पत्नी से अवैध संबंध और खुद अप्राकृतिक यौन संबंध बनवाते हुए यौन क्रीड़ा करता था। एसएचओ अमर चंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कई बार पुलिसकर्मियों ने उसकी शिकायत की थी, लेकिन उसके शरीर की हालत देखकर कार्रवाई नहीं करते थे।

आसान नहीं था पत्नी को आरोपित बताना

पीड़ित बनकर पुलिस से मदद मांगने वाला ही जब मुल्जिम नजर आए तो पुलिस के लिए चुनौती और बढ़ जाती है। पत्नी को कत्ल का आरोपित बताना पुलिस के लिए आसान नहीं था। एसपी देहात परमेंद्र डोबाल और सीओ लक्सर विवेक कुमार के निर्देशन में इंस्पेक्टर अमर चंद्र शर्मा ने बड़ी सूझबूझ से इस पहेली को हल किया। संजीव का अधजला शव मिलने और अंजना व शिवकुमार के कुबूलनामे से पहले शायद ही कोई पुलिस के दावे पर यकीन करता। इसलिए पुलिस ने एक-एक कदम सोच समझकर उठाते हुए दोनों को बेनकाब किया। दोनों की निशानदेही पर शव बरामद हो गया तो दोनों परिवारों और ग्रामीणों के सामने ताज्जुब और अफसोस करने के सिवाय कोई चारा नहीं था।

एसएसपी ने पीठ थपथपाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने 24 घंटे के भीतर गहरी साजिश को बेनकाब कर हत्या का पर्दाफाश करने पर पुलिस टीम की पीठ थपथपाई। टीम में एसएचओ पथरी अमर चंद्र शर्मा, एसएसआई प्रमोद कुमार, उपनिरीक्षक उमेश कुमार, कांस्टेबल मदन पाल, सुबोध, बिशन, सुरेश व महिला कांस्टेबल बबीता और नेहा शामिल रहे।

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