वेबिनार में बताई चार आश्रम की महत्ता

मानवाधिकार संरक्षण समिति की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए वैदिक जीवन के चार आश्रम विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Aug 2020 08:57 PM (IST) Updated:Sun, 23 Aug 2020 06:21 AM (IST)
वेबिनार में बताई चार आश्रम की महत्ता
वेबिनार में बताई चार आश्रम की महत्ता

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मानवाधिकार संरक्षण समिति की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए वैदिक जीवन के चार आश्रम विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में चार आश्रम की महत्ता बताई

वेबिनार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि एक भारतीय का औसत जीवन 100 वर्ष माना जाता था। इसके आधार पर वैदिक जीवन के चार आश्रम थे। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। व्यक्ति अपनी आयु के आधार पर जीवन के सभी चार चरणों में आश्रय लेता है।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में सीनियर सिटिजन मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। स्टेट हेड हेल्पज इंडिया देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक चेतन उपाध्याय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कि वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए न्यायालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य के बुजुर्गों की शिकायत हर जिले में तैनात मेंटेनेंस अधिकारी सुनेंगे और एक माह में उनकी शिकायतों का निस्तारण भी करेंगे।वेबिनार में राष्ट्रीय संगठन मंत्री नानक चंद गोयल , समिति की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डॉ. सपना बंसल, दिल्ली विश्वविद्यालय, जिला अध्यक्ष हरिद्वार, श्रीराम गुप्ता, चैतन्य उपाध्याय, कमला जोशी उपस्थित रहे।

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