नगर निगम बोर्ड बैठक : होर्डिंग ठेका निरस्त कराने को पार्षदों ने काटा हंगामा

नगर निगम बोर्ड की स्थगित बैठक शनिवार को टाउन हॉल सभागार में हुई। बैठक शुरू होते ही अहबाब नगर वॉर्ड के पार्षद सुनील पांडे ने नगर निगम की ओर से मिडास कंपनी को दोबारा विज्ञापन पट होर्डिंग का ठेका दिए जाने पर आपत्ति जताई।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 10:35 PM (IST)
नगर निगम बोर्ड बैठक : होर्डिंग ठेका निरस्त कराने को पार्षदों ने काटा हंगामा
हरिद्वार नगर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा। जागरण

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। नगर निगम की स्थगित बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। बोर्ड के संज्ञान में लाए बगैर होर्डिंग का ठेका गाजियाबाद की मिडास कंपनी को दोबारा दिए जाने पर पार्षदों ने आपत्ति जताई। नियमविरुद्ध किए गए ठेके को निरस्त करने के साथ ही कंपनी की ओर से जमानत राशि के तौर पर जमा कराए गए 87 लाख रुपये को पिछले बकाए में समायोजित करने की मांग भी पार्षदों ने जोरशोर से उठाई। विरोध स्वरूप पार्षद सदन में फर्श पर बैठ गए। इस मुददे पर अधिकारियों को जवाब देते नहीं बना। पार्षद और नगर निगम के अधिकारी आमने-सामने आ गए। 

करीब एक साल बाद 30 जनवरी को नगर निगम बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसे सभी पार्षदों के प्रस्तावों पर चर्चा न होने के चलते स्थगित कर दिया गया था। यह बोर्ड बैठक फिर एक फरवरी को होनी थी, लेकिन पार्षद और सहायक नगर आयुक्त के बीच विवाद के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। अब, शनिवार को टाउन हॉल में महीने भर बाद हुई इस बोर्ड बैठक में अहबाब नगर वार्ड के पार्षद सुनील पांडे ने बोर्ड और महापौर के संज्ञान में लाए बगैर होर्डिंग का ठेका दोबारा मिडास कंपनी को दिए जाने पर आपत्ति जताई। अधिकारियों से इस पर जवाब मांगा। इस मुद्दे को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। पार्षदों ने अधिकारी शर्म करो-शर्म करो के नारे भी लगाए। इस पर अधिकारियों ने उन्हें बेशर्म कहने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया। 

महापौर के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। पार्षदों का आरोप था कि मिडास कंपनी पर नगर निगम का करीब एक करोड़ रुपये बकाया है। कंपनी से इसकी वसूली के बजाय दोबारा कंपनी को दो साल के लिए 1.72 करोड़ में ठेका दे दिया गया। पार्षद अनुज सिंह, उदयवीर चौहान, राधे कृष्ण शर्मा आदि ने कहा कि ठेका देने में नियमों को भी दरकिनार कर दिया गया है। नियमानुसार 10 फीसद बढ़ाकर नया ठेका किया जाना चाहिए था, लेकिन पिछले ठेके 1.96 करोड़ के मुकाबले 24 लाख कम में ठेका दे दिया गया। इतना ही नहीं बोर्ड और महापौर को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। इस मामले को लेकर पार्षदों ने एकमत से ठेका निरस्त करने के साथ ही कंपनी की ओर से नए ठेके के लिए जमा कराई गई 87 लाख रुपये की राशि को पिछले बकाए में समायोजित करने की मांग रखी।

सफाई और पथ प्रकाश को लेकर फिर अफसरों को घेरा

नगर निगम बोर्ड की 30 जनवरी की बैठक में भी सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदों ने नगर निगम अधिकारियों को खरीखोटी सुनाई थी। शनिवार को हुई बैठक में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठा। पार्षद निशा नौडियाल ने वार्ड की सफाई और पथ प्रकाश व्यवस्था को लेकर अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया। सहायक नगर आयुक्त महेंद्र कुमार यादव ने पर्याप्त लाइटें होने की जानकारी दी। बताया कि नए वार्डों के लिए दो हजार लाइट क्रय की जा रही हैं। नगर आयुक्त जय भारत सिंह ने स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए पर्याप्त संख्या में मशीन न होने और जल्द कुछ मशीनें क्रय किए जाने की जानकारी दी।

रोप वे कंपनी से राजस्व का मसला भी उठा

बोर्ड बैठक में रोपवे कंपनी की ओर से निगम को मिलने वाले सालाना राजस्व की जानकारी भी पार्षद सुनील पांडे ने अधिकारियों से मांगी। इस पर 56 लाख रुपये सालाना राजस्व की जानकारी दी गई। इस पर पार्षद ने इससे संबंधित दस्तावेज दिखाने की मांग की। 

बदरी बावला धर्मशाला की भूमि खुर्दबुर्द करने का उठा मामला

सब्जी मंडी स्थित बदरी बावला धर्मशाला की बेशकीमती भूमि को खुर्दबुर्द करने का मामला पार्षद राजीव भार्गव और शुभम मंडोला ने उठाया। भार्गव ने आरोप लगाया कि धर्मशाला की सैकड़ों करोड़ की भूमि को कुछ अवैध ट्रस्टी और भूमाफियाओं की ओर से खुर्दबुर्द किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। पार्षद के प्रस्ताव पर उक्त भूमि पर नगर निगम की ओर से रिसीवर नियुक्त करने की मांग को सदन में सर्वसम्मति से पारित किया गया।

कस्साबान मेन रोड का नाम होगा एपीजे अब्दुल कलाम रोड

पार्षद सुहैल अख्तर ने जमीयत उलेमा ए हिंद संस्था को डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए 50 बीघा जगह देने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पर सदन की मुहर न लगने पर पार्षद ने भाजपा को किसान, मजदूर, गरीब और ग्रामीण विरोधी बताया। हालांकि पंजाबी धर्मशाला के सामने वेंडिंग जोन और कस्साबान मेन रोड का नाम एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने का प्रस्ताव पास हुआ। 

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