निशंक के मनाने पर भी नहीं माने सानंद, त्यागा जल

स्वामी सानंद ने पूर्व सीएम और सांसद निशंक के मनाने पर भी नहीं माने और मंगलवार देर शाम के बाद से उन्होंने जल भी त्याग दिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 09 Oct 2018 08:02 PM (IST) Updated:Wed, 10 Oct 2018 11:00 AM (IST)
निशंक के मनाने पर भी नहीं माने सानंद, त्यागा जल
निशंक के मनाने पर भी नहीं माने सानंद, त्यागा जल

हरिद्वार, [जेएनएन]: उत्तराखंड की छह नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं के खिलाफ अनशन कर रहे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को मनाने पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार पहुंचे। जगजीतपुर स्थित मातृसदन में निशंक और स्वामी सानंद के बीच करीब एक घंटा चली वार्ता के बाद भी सानंद अपनी मांगों पर अडिग रहे। देर शाम स्वामी सानंद ने बताया कि जब तक केंद्र सरकार इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करती है, तब तक वे जल ग्रहण नहीं करेंगे। अपने पूर्व निर्णय के अनुसार दोपहर बाद से उन्होंने जल का त्याग कर दिया।  

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद पिछले 110 दिन से हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित मातृसदन में अनशन कर रहे हैं। उन्हें मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अलावा नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के डायरेक्टर राजीव रंजन मिश्र व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुख्य सचिव सहित कई लोग पिछले दिनों मातृसदन पहुंच चुके हैं।

मांगों पर कोई कार्यवाही न होने पर स्वामी सानंद ने मंगलवार दोपहर से जल त्यागने का एलान किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक मातृसदन पहुंचे। निशंक की लगभग एक घंटे तक स्वामी सानंद और मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद महाराज से वार्ता की। पूर्व सीएम निशंक का कहना था कि गंगा सहित सभी नदियों का बचना जरूरी हैं और स्वामी सानंद के प्राण बचने भी आवश्यक हैं। देर शाम फिर से सांसद निशंक केंद्र सरकार की अधिसूचना की प्रति लेकर सांनंद के पास गए। इसे सानंद ने खारिज कर दिया। 

यह हैं प्रमुख मांगे

उत्तराखंड की भागीरथी, मंदाकिनी, अलकनंदा, पिंडरड, धौली गंगा और विष्णु गंगा नदी पर निर्माणाधीन व प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगाई जाए। गंगा क्षेत्र में वनों के कटान व खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। गंगा से जुड़े अहम फैसलों के लिए गंगा भक्त परिषद का गठन किया जाए। परिषद में गंगा में आस्था व श्रद्धा रखने वाले लोग और हर पहलु पर जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। इस परिषद में केंद्र व राज्य सरकार या ब्यूरोक्रेटस का हस्तक्षेप न हो। 

पीएम मोदी से सानंद का जीवन बचाने की अपील

स्वामी ज्ञानस्वरूप के अनशन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अरुणा राय, मल्लिका साराभाई, ललिता रामदास, कविता श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह, राजमोहन गांधी, एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, भरत झुनझुनवाला, सुधीन्द्र कुलकर्णी, आनंद पटवर्धन, स्वामी अग्निवेश, प्रो. अनिल सदगोपाल, रवि चोपड़ा, डॉ. अरविंवद गुप्ता, मधु पूर्णिमा किश्वर, प्रो. मिशेल डेनीनो, प्रो. मक्कखन लाल, डा. टी. हनुमान चैधरी, दिल्ली के सीएम अररविंद केजरीवाल, आलोक अग्रवाल, संजय सिंह, पंकज पुष्कर, संदीप पाण्डेय आदि पीएम मोदी से सानंद का जीवन बचाने की अपील कर चुके हैं।

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