नए स्वरूप में नजर आएंगी माया देवी, बनेगा उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर; जानें क्या है मान्यता

धर्मनगरी हरिद्वार में माया देवी का मंदिर नए स्वरूप में नजर आएगा। इससे शहर की सूरत और सीरत दोनों ही बदल जाएंगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 02:37 PM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 10:04 PM (IST)
नए स्वरूप में नजर आएंगी माया देवी, बनेगा उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर; जानें क्या है मान्यता
नए स्वरूप में नजर आएंगी माया देवी, बनेगा उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर; जानें क्या है मान्यता

अनूप कुमार, हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में माया देवी का मंदिर नए स्वरूप में नजर आएगा। इससे शहर की सूरत और सीरत दोनों ही बदल जाएंगी। मंदिर का नया स्वरूप देश ही नहीं बल्कि दुनिया से भी तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करेगा। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अब ये जगह विश्वस्तरीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में तब्दील हो जाएगा। दरअसल, मंदिर और परिसर में आमूलचूल बदलाव किए जा रहे हैं। मायादेवी मंदिर को उत्तरभारत का सबसे ऊंचा मंदिर बनाया जाएगा। इसके साथ ही परिसर स्थित भैरव बाबा मंदिर का भी जीर्णोद्धार होगा। 

हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मायादेवी का ये प्राचीन मंदिर एक सिद्धपीठ है। अब मंदिर परिसर का कायाकल्प किया जाएगा। यहां पुराने भवन को तोड़कर नए भवन बनाए जाएंगे, जो मंदिर की सुंदरता पर चार चांद लगाएंगे। इसके साथ ही यहां पर्यटकों के लिहाज से विश्वस्तरीय सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। आधुनिक मल्टीस्टोरी पार्किंग भी तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि वर्तमान में मायादेवी मंदिर की ऊंचाई 70 फीट है, जिसे बढ़ाकर अब 240 फीट करने की तैयारी है। कोशिश है कि मंदिर का गुंबद इतना ऊंचा हो कि हरिद्वार की सीमा में प्रवेश करते ही चारों दिशा से तीर्थ यात्रियों-पर्यटकों को इसके दर्शन हो सकें और गंगा के पावन जल में इसका चमकता हुआ अक्स (प्रतिबिंब) नजर आए। शीर्ष पर विराजने वाला स्वर्ण रचित गुंबद भारतीय धार्मिक और सनातन परंपरा के अनुसार होगा और भारतीय धार्मिक संस्कृति को दर्शाएगा। ये हर दिशा से हरिद्वार में प्रवेश करने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को अलौकिक अहसास कराएगा। 

'सोम दा' बनाएंगे मंदिर का डिजायन 

खास बात ये भी है कि प्रसिद्ध मायादेवी मंदिर का डिजाइन अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का डिजाइन तैयार करने वाले गुजरात के मशहूर वास्तुविद् 'सोम दा' बना रहे हैं। जिसके बाद इसे स्थानीय आर्किटेक्ट धरातल पर उतारेंगे।

कैबिनेट बैठक में खत्म हुई मंदिर के जीर्णोद्धार में आ रही रुकावटें       

मंदिर के जीर्णोंद्धार की राह में रुकावट बनी सभी अड़चनों को राज्य कैबिनेट ने चार सितंबर को हुई बैठक में खत्म कर दिया है। इसके बाद अब मंदिर प्रबंधन श्रीपंचदशनाम् जूना अखाड़ा ने मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर प्रबंधन श्रीपंचदशनाम् जूना अखाड़ा मायादेवी मंदिर परिसर स्थित भैरव बाबा मंदिर का भी जीर्णोद्धार करा रहा है। वर्तमान में इसकी ऊंचाई 60 फीट के करीब है। नए सिरे से बनने के बाद इसकी ऊंचाई 180 फीट हो जाएगी। इन दोनों मंदिरों के आसपास अखाड़े के पुराने भवन और खाली जगह का इस्तेमाल दोनों मंदिर के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। श्रीपंचदशनाम् जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि नवनिर्माण मंदिर परिसर में आने वाले तीर्थ यात्रियों को अलौकिक परमार्थ सुख-अनुभव और धर्मार्थ दर्शन देगा।   

कला विथिका और डिजिटल स्क्रीन बताएंगी मंदिर का महत्व 

यहां आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को जानकारी देने के लिए कला विथिका (आर्ट गैलरी) बनाई जाएगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर में जगह-जगह डिजिटल स्क्रीन भी मौजूद होंगी, जो यहां आने वाले सभी लोगों को मंदिर के धार्मिक इतिहास और परंपरा की जानकारी देते रहेंगे। इसमें अलग-अलग भाषाओं का भी प्रयोग होगा।  

तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं होंगी विकसित    

श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि मंदिर और मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार का डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर का डिजाइन तैयार करने वाले सोमू दा को इसलिए दी गई है कि वो मंदिर के साथ-साथ मंदिर परिसर के पुराने और जर्जर भवनों की जगह तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए अन्य जरूरी सुविधाओं को विकसित कर सकें। शनिवार को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने श्रीमहंत हरिगिरि की मौजूदगी में माया देवी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और यज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति डाली। मदन कौशिक ने बताया कि लंबे समय से मंदिर को विशाल और भव्य रूप दिए जाने की कोशिश हो रही थी, लेकिन हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण और अन्य विभागों की आपत्ति के कारण योजना दो वर्षों से आगे नहीं बढ़ सकी थी। 

जानिए क्या है मान्यता 

मायादेवी मंदिर दर्शन के बाद भैरव बाबा के दर्शन और पूजन की भी परंपरा है। मान्यता है कि यहीं से सभी शुभ काम शुरू होते हैं है। निर्मल मन से दोनों के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर स्वयं निर्मित मंदिर है, जो जूना अखाड़ा छावनी के परिसर में स्थित है। 

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कैबिनेट मंत्री का दावा, दुनिया के खास मंदिरों में शामिल होगा मायादेवी मंदिर 

अब कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद सभी संबंधित विभाग उत्तर भारत क्षेत्र में सर्वे करके इसको लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। तब तक मंदिर का डिजाइन भी तैयार हो जाएगा। उसके बाद मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा। दावा किया गया है कि मायादेवी मंदिर दुनिया के खास मंदिरों में शामिल होगा, जो हरिद्वार के तीर्थ और पर्यटन को नया आयाम प्रदान करेगा।

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