ज्वालापुर में झड़पों के बीच तुड़वाया अतिक्रमण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कनखल के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान बुधवार को ज्वालापुर पहुंच गय
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कनखल के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान बुधवार को ज्वालापुर पहुंच गया। पहले दिन जटवाड़ा पुल से अभियान की शुरुआत करते हुए दुर्गा चौक तक 100 से ज्यादा दुकानों और मकानों का अतिक्रमण तुड़वाया गया। आम लोगों के साथ-साथ नगर निगम की दुकानें और ज्वालापुर कोतवाली का गेट भी तोड़ा गया। कई बार झड़प और अफरातफरी की स्थिति पैदा हुई। भीड़ बढ़ने पर पुलिस को कई बार लाठियां भी चलानी पड़ी।
हाईकोर्ट के आदेश पर चिह्नित किए गए अतिक्रमण को तोड़ने के लिए नगर निगम, तहसील प्रशासन और लोनिवि की टीम पुलिस बल के साथ जटवाड़ा पुल पहुंची। पूर्व विधायक अंबरीश कुमार के नेतृत्व में कांग्रेसी नेता नईम कुरैशी, मकबूल कुरैशी, वरुण बालियान, सुहेल कुरैशी आदि ने कोतवाली में तहसीलदार से वार्ता की। उनका कहना था कि लोग खुद ही अपना अतिक्रमण तोड़ रहे हैं, इसलिए प्रशासन को थोड़ा वक्त देना चाहिए। पूर्व विधायक अंबरीश कुमार ने कहा कि जेसीबी से निर्माण तोड़ने पर अतिक्रमण के साथ-साथ लोगों का वैध निर्माण और कच्चे-पक्के मकान भी टूट जाएंगे। लेकिन तहसीलदार सुनैना राणा ने मोहलत देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने एडीएम प्रशासन व नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्रा से बात की, मगर बात नहीं बनी। आखिरकार कोतवाली के सामने बनी नगर निगम की दुकानों से अभियान की शुरुआत कर दी गई। दुकानों का छज्जा तोड़ने के दौरान सभी दुकानों के बाहर बरामदे का पूरा लेंटर ही नीचे आ गिरा। कोतवाली का गेट भी हटाया गया। इसके बाद कुल चार जेसीबी मशीनों ने सड़क के दोनों ओर बने दुकान व मकानों का अतिक्रमण ढहा दिया। हालांकि तीन दिन से लोग खुद ही अतिक्रमण हटाने में जुटे हुए थे, इसलिए टीम को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। पहले दिन दुर्गा चौक तक अतिक्रमण तोड़ा गया। नगर आयुक्त ललित नारायण मिश्रा, एसडीएम मनीष कुमार ¨सह, तहसीलदार सुनैना राणा, सीओ सदर प्रकाश देवली, ज्वालापुर कोतवाल चंद्रभान ¨सह सहित पूरा अमला अभियान में शामिल रहा। एसडीएम मनीष कुमार ¨सह ने बताया कि गुरुवार को दुर्गा चौक से अभियान शुरू होकर ऊंची सड़क होते हुए आर्यनगर पहुंचेगा।
तमाशबीनों की भीड़ ने छुड़ाए पसीने
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान भारी भीड़ और जाम ने पुलिस के पसीने छुड़ा दिए। ज्वालापुर, कनखल, हरिद्वार सहित आस-पास के देहात से भी लोग ज्वालापुर पहुंचे थे। इतना ही नहीं लोग अभियान की मोबाइल से वीडियो भी बनाते रहे। भीड़ बढ़ने पर व्यवस्था बनाने में दिक्कत आती रही। जेसीबी से तोड़ने पर मलबा गिरने से हादसा होने का खतरा भी बना रहा। बार-बार रोकटोक करने के बावजूद भीड़ पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुई।