टल जाएगा कोरोना का संकट, भव्य होगा 2021 का हरिद्वार कुंभ
प्रदेश सरकार कुंभ मेला प्रशासन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को भरोसा है कि कुंभ मेला तय समय पर पूरी भव्यता के साथ संपन्न होगा।
हरिद्वार, जेएनएन। वर्ष 2021 में 14 जनवरी से शुरू होने वाले हरिद्वार कुंभ पर भी कोरोना महामारी की काली छाया पड़ने की आशंका है। हालांकि, प्रदेश सरकार, कुंभ मेला प्रशासन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को भरोसा है कि कुंभ मेला तय समय पर पूरी भव्यता के साथ संपन्न होगा। यह जरूर है कि आयोजकों और श्रद्धालुओं को थोड़ी-बहुत अव्यवस्थाएं झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन, इसका कुंभ मेले के आयोजन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला।
कुंभ के निमित्त हरिद्वार में स्थायी और अस्थायी प्रकृति के 500 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। इसमें तीन हाइवे, भूमिगत विद्युत केबल व प्राकृतिक गैस पाइप लाइन, स्नान घाट, पुल, रैन बसेरा, आस्था पथ आदि प्रमुख हैं। इनमें से कई कार्यों को 15 जून से पहले पूरा होना था। लेकिन, लॉकडाउन के चलते इन सभी का निर्माण रुका गया और लगता नहीं कि ये तय समय पर पूरे हो पाएंगे। कोरोना का असर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर भी पड़ना तय है।
अभी तक देश-विदेश से 16 करोड़ श्रद्धालुओं के कुंभ में पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन महामारी ने इस उम्मीद को धराशायी कर दिया। अभी तो यह अनुमान लगाना भी कठिन है कि ऐसे हालात कब तक रहेंगे। मई में होने वाली परीक्षाओं की तिथि 15 जून के बाद किए जाने से यह आशंका और गहरा गई है। इसके सच होने पर पहले बरसात और फिर सावन में कांवड़ यात्रा के चलते कुंभ कार्य बुरी तरह प्रभावित होंगे। ध्यान रहे कि कुंभ के लिए अखाड़ों के रमता पांच अक्टूबर से हरिद्वार पहुंचने लगेंगे। नवंबर में उनकी छावनी और धर्मध्वजा भी सजने लगेंगी।
14 जनवरी को मकर संक्राति पर कुंभ का पहला पर्व स्नान होना है, जबकि 11 मार्च को पहला और 27 अप्रैल को अंतिम शाही स्नान होगा। हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को उम्मीद है कि कुंभ पूरी भव्यता के साथ संपन्न होगा। कहा कि कोरोना विश्वव्यापी संकट है और सभी देशों की सरकारें इससे मजबूती से लड़ रही हैं। देश में भी हर नागरिक सरकार के साथ खड़ा है। अखाड़ा परिषद और उससे जुड़े सभी तेरह अखाड़े इन विषम हालात में राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कुंभ की तैयारियों को अंजाम देने में जुटे हैं।
कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत भी श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की राय से सहमति जताते हैं। कहते हैं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शासन और मेला अधिष्ठान कुंभ को भव्यता के साथ संपन्न कराने के लिए संकल्पबद्ध हैं। फिलवक्त कोरोना के संकट से निपटना हमारी पहली प्राथमिकता है। मेला अधिष्ठान समेत पूरी मशीनरी इसमें जुटी हुई है। लॉकडाउन सफल बनाने के लिए सभी निर्माण कार्य रोककर कामगारों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। संकट टलते ही युद्धस्तर पर निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का बढ़ेगा दायरा, रेल नेटवर्क से जुड़ेगा गैरसैंण