मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी स्नान को आ रहे हैं हरिद्वार तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगी परेशानी
Mauni Amavasya 2021 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 16 फरवरी को वसंत पंचमी स्नान है जो केंद्र की एसओपी के अनुसार ही होंगे। स्नान के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Mauni Amavasya 2021 हरिद्वार में इसबार महाकुंभ 12 की जगह 11वें साल में आयोजित हो रहा है। कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के साथ ही सकुशल संपन्न कराने के लिए तैयारी की जा रही हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच कुंभ किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार पूरी तरह से सतर्क है। शाही स्नान से होने वाले स्नानों के लिए में भी पूरी एहतियात बरती जा रही है। 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 16 फरवरी को वसंत पंचमी स्नान है, जो केंद्र की एसओपी के अनुसार ही होंगे। स्नान के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट 72 घंटे की अवधि की होनी चाहिए। निगेटिव रिपोर्ट न लाने पर श्रद्धालुओं को सीमा पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। हालांकि स्थानीय लोग निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता से मुक्त होंगे। हरिद्वार कुंभ मेला का नोटिफिकेशन जारी न होने पर जिला प्रशासन मेला अधिष्ठान के सहयोग से स्नान संपन्न कराएगा।
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी स्नान के लिए जिला प्रशासन के स्तर से सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की सीमा पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना रिपोर्ट की जांच के लिए चेकपोस्ट के नजदीक होल्डअप एरिया का चयन कर रहा है, जिससे जांच के दौरान हाईवे पर जाम की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने कहा कि स्नान को लेकर केंद्र की एसओपी के साथ ही राज्य सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का भी पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमार, बुखार, सर्दी-जुखाम से पीडि़तों के साथ ही 65 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम उम्र वाले श्रद्धालुओं को केंद्र की एसओपी के अनुसार प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह तय गाइडलाइन के अनुसार हरिद्वार में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग करते नहीं मिले, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीमावर्ती इलाकों में बनेंगे कोविड सेंटर, जांच को लगेगी मोबाइल लैब
जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि प्रशासन सीमा क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर के साथ-साथ जांच को मोबाइल लैब की भी व्यवस्था कर रहा है। बेहद जरूरी मामलों में मौके पर ही जांच की जाएगी। स्नान की समयावधि के दौरान स्थानीय नागरिकों को कोई परेशानी न हो, प्रशासन इसका पूरा ख्याल रखेगा। हालांकि प्रशासन की सलाह है कि भीड़ के चलते किसी भी परेशानी से बचने के लिए बेहद जरूरी होने पर ही स्थानीय लोग यात्रा करें।
अधिक समय से बाहर रहने वाले स्थानीय नागरिकों को करानी होगी जांच
अधिक समय से बाहर रहने वाले स्थानीय निवासियों को स्नान के दौरान हरिद्वार आने पर आरटीपीसीआर जांच करानी होगी। डीएम ने बताया कि स्थानीय स्तर पर केवल वही आरटीपीसीआर की बाध्यता से छूट के हकदार होंगे, जो उस दौरान या फिर स्नान से एक-दो दिन पहले बाहर गए हों।