भारतीय अर्थव्यवस्था की भूमिका पर किया मंथन

ारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की ओर से आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Jul 2020 07:20 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 07:20 PM (IST)
भारतीय अर्थव्यवस्था की भूमिका पर किया मंथन
भारतीय अर्थव्यवस्था की भूमिका पर किया मंथन

जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की ओर से आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा हुई। सीके प्रहलाद मेमोरियल लेक्चर में छात्रों, शिक्षाविदें और कॉर्पोरेट पेशेवरों सहित 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

ऑनलाइन व्याख्यान का मुख्य आकर्षण केंद्र सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी सुब्रमण्यन की ओर से इकोनॉमिक्स इन द पोस्ट कोविड सिनेरीओ पर आधारित सत्र रहा। डॉ. सुब्रमण्यन ने कोविड-19 संकट के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की भूमिका पर रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किया और आत्मनिर्भर भारत के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने आर्थिक सिद्धांतों की नींव को मजबूत करने में भारतीय शास्त्रों जैसे-कौटिल्य के अर्थशास्त्र और उपनिषदों के योगदान पर भी प्रकाश डाला। प्रो. सीके प्रहलाद के उस विचार का भी समर्थन किया जो बेहतर परिणाम के लिए आर्थिक पिरामिड के निचले स्तर के लिए काम करने की वकालत करता है। उन्होंने छात्रों को भारतीय साहित्य से ज्ञान प्राप्त करने और वर्तमान आर्थिक परिदृश्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उस अर्जित ज्ञान को लागू करने को प्रेरित किया। व्याख्यान में शिक्षा प्रणाली के लचीलेपन पर भी बात हुई। साथ ही सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने में डिजीटल मीडिया के महत्व को रेखांकित किया गया। इस व्याख्यान का उद्देश्य प्रसिद्ध व्यावसायिक विचारक प्रो. सीके प्रहलाद के योगदान को याद करना तथा मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए समाज को एक दिशा प्रदान करना था। प्रो. सीके. प्रहलाद को बेस ऑफ द पिरामिड स्टडीज के लिए जाना जाता है। यह अनुसंधान का एक क्षेत्र है, जो यह पता लगाता है कि व्यवसायों को गरीबी कम करने में भूमिका निभाते हुए स्थायी विकास को कैसे अपनाना चाहिए।

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