पुष्टि के बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

संवाद सूत्र, लक्सर: सहकारी गन्ना विकास समिति लक्सर में पीआरडी विभाग के माध्यम से पर्ची वितरको

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 08:50 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 08:50 PM (IST)
पुष्टि के बाद भी दोषियों  के खिलाफ कार्रवाई नहीं
पुष्टि के बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

संवाद सूत्र, लक्सर: सहकारी गन्ना विकास समिति लक्सर में पीआरडी विभाग के माध्यम से पर्ची वितरकों की नियुक्ति के मामले में भारतीय किसान संघ ने विभागीय अधिकारियों पर जानबूझकर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। संघ के पदाधिकारियों ने मामले में मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

सहकारी गन्ना विकास समिति लक्सर में पिछले दिनों पीआरडी विभाग के नाम से दस पर्ची वितरकों की नियुक्ति की गई थी। मामले में समिति कर्मचारियों व भारतीय किसान संघ की शिकायत पर कराई गई जांच में नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात सामने आई है। मामले में उपजिलाधिकारी व सहायक गन्ना आयुक्त की ओर से हुई अलग-अलग जांच में गड़बड़ी की बात सामने आई है।

लक्सर में आयोजित भारतीय किसान संघ की बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि विभागीय जांच में नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी मामले में अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पदाधिकारियों ने कहा कि दबाव के चलते ही मामले में कोई कार्रवाई किए बिना प्रकरण को रफा-दफा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री राजपाल ¨सह, प्रीतम ¨सह, राजकुमार, रणवीर, बचन ¨सह, इसम ¨सह, मेनपाल, विनोद कुमार, कुलवीर ¨सह, कालूराम, प्रमोद चौधरी, सुरेशपाल आदि मौजूद रहे। सहायक गन्ना आयुक्त की रिपोर्ट का इंतजार

गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि एसडीएम लक्सर की जांच रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हो गई है। सहायक गन्ना आयुक्त की जांच रिपोर्ट उन्हें अभी नहीं मिली है। रिपोर्ट मांगी गई है। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के अलावा विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पर्ची वितरकों की नियुक्ति के मामले में उपजिलाधिकारी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को भेजी है, उसमें उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी होने, पीआरडी विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र को जांचें बगैर नियुक्तियां देने तथा नियमानुसार जिलास्तर पर होने वाली नियुक्ति को स्थानीय स्तर से किए जाने की बात कहते हुए मामले में दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर कार्रवाई की संस्तुति की है।

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