संतों ने कहा, राम मंदिर के लिए केंद्र बनाए कानून

संतों ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो संत इसके लिए केंद्र पर दबाव भी बनाएंगे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 12 Apr 2018 09:23 PM (IST) Updated:Fri, 13 Apr 2018 06:15 PM (IST)
संतों ने कहा, राम मंदिर के लिए केंद्र बनाए कानून
संतों ने कहा, राम मंदिर के लिए केंद्र बनाए कानून

हरिद्वार, [जेएनएन]: संतों ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो संत इसके लिए केंद्र पर दबाव भी बनाएंगे। इसके अलावा संतों ने गंगा स्वच्छता पर भी मंथन किया।

गुरुवार को श्रीजयराम आश्रम में आयोजित भारत साधु समाज की बैठक में समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले मंदिर निर्माण का वायदा किया था। अब उसे बिना किसी विलंब के वायदा पूरा करना चाहिए।

दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे के बीच महिलाओं पर बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर की। कहा कि इससे देश के बड़े और विख्यात धार्मिक स्थल भी अछूते नहीं रह गए हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसे अपराधों और अपराधियों के साथ सख्ती से निपटे। उन्होंने आह्वान किया कि संत भी इस दिशा में पहल करते हुए समाज को जागरूक करें।

बैठक में संतों ने आरोप लगाया कि गंगा स्वच्छता के नाम पर केंद्र और राज्य सरकारें गंगा भक्तों के साथ छल कर रही है। कहा कि गंगा स्वच्छता की जितनी भी घोषणाएं हुई हैं, वे धरातल पर नहीं उतर पाईं। बैठक में निर्मल अखाड़े के महंत बलवंत सिंह, भारत माता मंदिर के स्वामी ललितानंद महाराज,  स्वामी श्यामसुंदर दास और स्वामी ऋषिश्वरानंद ने भी विचार रखे। इस अवसर पर महंत सुरेंद्र मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि,  महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज, महंत शिवम महाराज, महंत गंगादास उदासीन, स्वामी हरिहरानंद महाराज, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी चिद्विलासानंद और स्वामी रविदेव शास्त्री समेत बड़ी संख्या में संत उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें: राम जन्म भूमि मंदिर के मामले में हस्तक्षेप ना करें श्रीश्री रविशंकर

यह भी पढ़ें: घर बैठे बदरी-केदार का महाभिषेक, पेटीएम के जरिये दान और चढ़ावा

यह भी पढ़ें: भीमबली से केदारनाथ तक की यात्रा होगी आसान

chat bot
आपका साथी