रुड़की में छह दिसंबर 2014 को हुए बम धमाके के साजिशकर्ताओं का आज तक नहीं चला पता

रुड़की शहर में छह दिसंबर 2014 को हुए बम धमाके के साजिशकर्ताओं का आज तक पता नहीं है। मामले की जांच करने वाले कई अफसरों के तबादले हो गए कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 09:39 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 09:39 AM (IST)
रुड़की में छह दिसंबर 2014 को हुए बम धमाके के साजिशकर्ताओं का आज तक नहीं चला पता
रुड़की में छह दिसंबर 2014 को हुए बम धमाके के साजिशकर्ताओं का आज तक नहीं चला पता

रुड़की, जेएनएन। रुड़की शहर में छह दिसंबर 2014 को हुए बम धमाके के साजिशकर्ताओं का आज तक पता नहीं है। मामले की जांच करने वाले कई अफसरों के तबादले हो गए, कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। करीब 3768 लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस अफसरों की डायरियां भर गई, लेकिन बम धमाका करने वालों का आज तक पता नहीं चला है। बम धमाके में मारे गए छात्र के पिता को आज भी इस बात का इंतजार है कि कब उसके बेटे के हत्यारे बेनकाब होंगे।

छह दिसंबर 2014 को रुड़की के डीएवी कॉलेज मैदान में ङ्क्षहदु संगठनों की ओर से शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। फायर ब्रांड नेता संगीत सोम, सुरेश राणा आदि को इस कार्यक्रम में आना था। तभी डीएवी कॉलेज के समीप ही राजकीय इंटर कॉलेज से अपने घर जा रहे कृष्णानगर निवासी कक्षा छह के छात्र तुषार की रैली के पास बम फटने से मौत हो गई थी।

पहले तो उत्तराखंड पुलिस के कई अफसरों ने मामले की जांच की। इसके बाद उप्र की पुलिस भी जांच में जुटी। दोनों राज्यों की पुलिस बम धमाका करने वालों को तलाश नहीं कर पाई तो पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) को सौपी गई। जांच कर रहे एनआइए के दो डिप्टी एसपी इस मामले में बदले जा चुके हैं। टीम ने दिल्ली के अलावा उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड कई स्थानों पर दबिश देकर कई लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन साजिशकर्ता आज भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

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बोले अधिकारी

एसपी देहरात नवनीत सिंह भुल्लर का कहना है कि इस मामले की जांच एनआइए की ओर से की जा रही हैं। जांच में अब तक क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। इतना जरूर है कि अभी तक बम धमाके करने वालों का पता नहीं है।

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